Vinesh Phogat:17 अगस्त के दिन विनेश फोगाट चर्चा में रहीं. पेरिस ओलंपिक 2024 से वतन वापसी पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर फैंस इकट्ठा हुए और फूल मालाओं से उनका ग्रैंड वेलकम किया. फिर जब वो अपने गांव बलाली के लिए रवाना हुईं तो रास्ते में कई जगह विनेश के लिए प्यार और सम्मान मिला. उनका काफिला जहां से भी गुजरा, वहां वाहनों के पहिये थम गए. विनेश के काफिले में 400 से अधिक गाड़ियां शामिल थीं.
A grand homecoming for a grand champion!
Vinesh Phogat is back in Balali, and the celebrations have just begun 🔥🔥
WELCOME BACK CHAMPION 🙌#VineshPhogat #ParisOlympics2024 #wrestling #Paris2024 #ParisOlympics #Olympics #Olympics2024Paris #Olympics2024 pic.twitter.com/Yb3iydDusS— nnis Sports (@nnis_sports) August 17, 2024Also Read
विनेश को गांव पहुंचते-पहुंचते रात हो गई. उन्हें दिल्ली से अपने गांव पहुंचे में करीब 12 घंटे लग गए, क्योंकि रास्ते में जगह-जगह उनका स्वागत सत्कार चलता रहा. जब वो गांव पहुंचीं तो गांव वाले खुशी से झूम उठे. यहां विनेश क विनेश फोगाट के गांव वालों ने उन्हें नकद रुपए, पगड़ी और तलवार देकर सम्मान किया. गांव वालों ने अपनी मेहनत की कमाई बेटी विनेश को दान दी. यह राशि लाखों-करोड़ों में तो नहीं है, लेकिन यह बताने के लिए काफी है कि वो अपनी लाडली से कितना प्यार और उसकी कितनी परवाह करते हैं.
Wrestler @Phogat_Vinesh addresses the villagers and her family members on her return to Balali village on Saturday night. @IExpressSports @IndianExpress pic.twitter.com/LBq7wjvqbn
— Nitin Sharma (@Nitinsharma631) August 18, 2024
चौकीदार से लेकर मास्टर तक ने किया सम्मानित
बेटी विनेश के सम्मान में गांव के दानदाताओं की सूची लंबी है. इस लिस्ट में दसवें स्थान पर गांव के चौकीदार संजय हैं, जिनके नाम के आगे 100 रुपये हैं. रघवीर मास्टर के पास 500 रुपये हैं, शालू बादल के पास 5,100 रुपये के नोटों की माला है, कुंवर वीर सिंह के पास पगड़ी और तलवार है, फौजी भाईचारा समूह के नाटू (विक्रांत फौजी) के पास 21,000 रुपये हैं.
Vinesh Phogat receives rousing welcome upon her arrival at in Charkhi Dadri, Haryana. She will proceed to Balali, her native village, where a big celebration awaits the wrestler.
— Sportstar (@sportstarweb) August 17, 2024
You can follow live updates of Vinesh's homecoming here: https://t.co/1TxFIwzxZw
Video: @PTI_News pic.twitter.com/9AxeO2eOjq
संजय चौकीदार ने विनेश फोगाट के बचपन को याद करते हुए कहते हैं "वह मेरी बेटी जैसी थी, जब मैं रात में अपना चक्कर लगाता था, तो वह अक्सर मुझसे कहती थी अंकल, आप बहुत बहादुर हैं, अब देखिए, कौन बहादुर निकला? वह दुनिया की सबसे बहादुर लड़की है और सबसे मजबूत भी.' यह बताते हुए संजय चौकीदार की आंखों से खुशी के आंसू झलक जाते हैं.
खुद नहीं पहुंच पाईं तो पति को भेजा
गांव की सरपंच रीतिका सांगवान सम्मान समारोह में नहीं आ पाईं, क्योंकि वो एक महीने के बेटे की मां हैं. इसलिए उन्होंने अपने पति बिंदराज को कार्यक्रम में भेजा है. पति ने बताया कि 'उन्होंने मुझे विनेश का आशीर्वाद और उनके द्वारा छुआ हुआ कपड़ा लाने को कहा है, मैं अपने नवजात बेटे को यह पहनाऊंगा ताकि उसे भी विनेश जैसी हिम्मत मिले".
100 ग्राम ओवर वेट की वजह से मेडल से चूकीं विनेश
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने दमदार प्रदर्शन किया था. वे 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंची थीं. लेकिन गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले उनका 100 ग्राम वजन ज्यादा निकल गया. इसलिए उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. उन्होंने कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील करते हुए मांग की थी कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए, जिसे CAS ने स्टार खारिज कर दिया.