menu-icon
India Daily

U19 WC 2024 Final: डॉक्टर बनाना चाहता था परिवार, बेटे ने क्रिकेट में गाड़े झंडे, आज तोड़ेगा ऑस्ट्रेलिया की कमर!

U19 WC 2024 Final: अंडर 19 भारतीय टीम के स्टार स्पिनर सौम्य पांडे अपनी धारदार गेंदबाजी से बड़े से बड़े बल्लेबाजों के दांत खट्टे हो जा रहे हैं, जानिए आखिर क्यों उन्हें जूनियर जडेजा कहा जा रहा है.

Bhoopendra Rai
Edited By: Bhoopendra Rai
Saumy Pandey

U19 WC 2024 Final: साउथ अफ्रीका में आज टीम इंडिया इतिहास रचने से एक कदम दूर है. अंडर 19 विश्व कप 2024 के फाइनल में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होना है. यह मैच बेनोनी के विलोमूर पार्क में दोपहर 1:30 बजे से खेला जाएगा. जिसमें टीम इंडिया रिकॉर्ड छठवीं बार खिताब अपने नाम कर सकती है. खिताबी जंग में सभी की नजर जूनियर जडेजा कहे जा रहे सौम्य पांडे पर होंगी. सौम्य पांडे का परिवार उन्हें डॉक्टर बनाना चाहता था, लेकिन बेटे को क्रिकेट की जिद थी. इसी जिद को जुनून बनाकर आज सौम्य पांडे ऑस्ट्रेलिया की कमर तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

आखिर क्यों सौम्य पांडे को जूनियर जडेजा कहा जा रहा है? 

दरअसल, सौम्य पांडे ने अंडर 19 विश्व कप 2024 में अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीता है. वे 6 मैचों में 17 विकेट ले चुके हैं. यह भारत की तरफ से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट हैं. सौम्य पांडे का लेफ्फ आर्म स्पिनर हैं. उनका बॉलिंग एक्शन दिग्गज स्पिनर जडेजा की तरह है. वे जडेजा की तरह की सटीक लाइन लेंथ बॉली गेंदबाजी करते हैं. वह बल्लेबाजों को ज्यादा जगह नहीं देते. उनकी गेंदबाजी स्टंप टू स्टंप होती है. इस विश्व कप में सौम्य ने अपनी सटीक स्पिन गेंदबाजी से 17 खिलाड़ियों का शिकार किया. 

सौम्य पांडेय MP से आते हैं

सौम्य पांडे मध्य प्रदेश के सीधी जिले के भरतपुर गांव से आते हैं. उनके माता-पिता शिक्षक है. जो अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन बेटा की दिलचस्पी क्रिकेट में थी. बेटे की जिद के सामने पिता को झुकना पड़ा और वे उसे रीवा में संचालित एक क्रिकेट अकादमी में ले गए. सौम्य ने 8 साल की एज से क्रिकेट के गुर सीखे हैं. उनके कोच एरियल एंटोनी ने बताया कि परिवार तो डॉक्टर बनाना चाहता था, लेकिन बेटे का दिल क्रिकेट में लगता था. आज इसी का नतीजा है कि वो विश्व स्तर पर कमाल कर रहा है. 

बल्लेबाज बनना चाहते थे सौम्य

सौम्य के कोच ने खुलासा किया है कि जब सौम्य उनके पास गया तो वो बल्लेबाज बनना चाहता था, लेकिन कोच के कहने पर उसने स्पिन गेंदबाजी शुरू की. जिसमें निखार आने लगा. सौम्य 14 साल की उम्र में रीवा डिवीजन के अंडर 14 क्रिकेट टीम में शामिल हुए और बाद में मप्र अंडर-14 टीम के कप्तान बने. इसके बाद उन्होने लगातार बढ़िया प्रदर्शन किया और पीछे मुड़कर नहीं देखा. 

मुझे खुशी होगी

सौम्य के कोच चाहते हैं कि वो फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेट चटकाए तो उन्हें खुशी होगी. अभी तक सौम्य को छोटी टीमों के खिलाफ विकेट मिले हैं, जिससे कोच खुश नहीं हैं. वो कहते हैं कि 'बड़ी टीमों के खिलाफ विकेट निकालो. यदि वो फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के विकेट निकालता है, तो मुझे खुशी होगी.'