नई दिल्ली: दुबई में चल रहे अंडर-19 एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा की तरह रोमांचक रहा. लेकिन इस बार मैदान पर खेल से ज्यादा चर्चा टॉस के समय हुई एक घटना की हो रही है.
भारतीय टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे ने पाकिस्तानी कप्तान फरहान यूसुफ से हाथ नहीं मिलाया. इससे साफ हो गया कि बीसीसीआई ने आईसीसी की सलाह को नजरअंदाज कर दिया है.
अंडर-19 स्तर के क्रिकेट में आईसीसी नहीं चाहता कि राजनीति हावी हो. उसने बीसीसीआई से कहा था कि जूनियर खिलाड़ियों के बीच सामान्य खेल भावना बनाए रखी जाए और हाथ मिलाने की परंपरा जारी रहे.
आईसीसी का मानना है कि युवा क्रिकेट में ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए जो खेल की भावना को ठेस पहुंचाएं. लेकिन बीसीसीआई ने अपना पुराना स्टैंड बरकरार रखा.
इससे पहले सीनियर एशिया कप, महिला वनडे वर्ल्ड कप और अन्य टूर्नामेंटों में भारत-पाकिस्तान मैचों में हाथ मिलाने से परहेज किया गया था. यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और भारतीय सेना के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लिया गया था.
दुबई में बारिश की वजह से मैच देर से शुरू हुआ और 49 ओवर का कर दिया गया. टॉस पाकिस्तान ने जीता और पहले गेंदबाजी चुनी. लेकिन टॉस के दौरान आयुष म्हात्रे ने फरहान यूसुफ से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.
म्हात्रे उनके पीछे खड़े रहे और कोई हैंडशेक नहीं हुआ. प्रेजेंटर से बातचीत के बाद पाकिस्तानी कप्तान माइक म्हात्रे को दिए बिना सीधे डगआउट चले गए. यह नजारा देखकर सभी हैरान रह गए.
इस मैच से पहले दोनों टीमों ने अपने-अपने पहले मुकाबले में बड़ी जीत दर्ज की थी. भारत ने मेजबान यूएई को 234 रनों से हराया था. वहीं पाकिस्तान ने मलेशिया को 297 रनों के बड़े अंतर से मात दी. ग्रुप ए में दोनों टीमें मजबूत दिख रही हैं और सेमीफाइनल की दौड़ में आगे हैं.
भारतीय टीम में आयुष म्हात्रे कप्तान हैं और वैभव सूर्यवंशी जैसे युवा स्टार खिलाड़ी शामिल हैं. ये दोनों घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में हैं. पाकिस्तान की टीम भी संतुलित है और फरहान यूसुफ की अगुआई में अच्छा खेल रही है.