तिरुवनंतपुरम: भारत और श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम के बीच 5 मैचों की टी-20 सीरीज जारी है, जिसका चौथा मुकाबला तिरुवनंतपुरम के ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, लेकिन स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने भारत को शानदार शुरूआत दिलाई. स्मृति मंधाना ने 80 और शेफाली वर्मा ने 79 की तूफानी पारी खेलकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टी-20 मैच में एक खास उपलब्धि हासिल की है. अपनी पारी के दौरान जैसे ही स्मृति मंधाना ने 27 रन पूरे किए, उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया.
Mt. 1⃣0⃣,0⃣0⃣0⃣🏔️
— BCCI Women (@BCCIWomen) December 28, 2025
Congratulations to #TeamIndia vice-captain Smriti Mandhana on a landmark milestone 👏👏
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इन 27 रनों के साथ स्मृति मंधाना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10000 रन पूरे कर लिए. ऐसा करने वाली वह भारत की दूसरी महिला क्रिकेटर बन गई हैं. उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ मिताली राज ने किया था. मिताली राज के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 10,868 रन दर्ज हैं.
महिला इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 10 हजार रन बनाने वाली बल्लेबाज
1. स्मृति मंधाना- 280 पारी
2. मिताली राज- 314 पारी
3. शार्लोट एडवर्ड्स- 316 पारी
4. सूजी बेट्स- 343 पारी
महिला इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी
1. मिताली राज- 10868 रन
2. सूजी बेट्स- 10652 रन
3. शार्लोट एडवर्ड्स- 10273 रन
4. स्मृति मंधाना- 10053 रन
स्मृति मंधाना ने भारत के लिए अब तक 7 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 629 रन बनाए हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 2 शतक और 3 अर्धशतक हैं. वनडे क्रिकेट में उन्होंने 117 मैचों में 5322 रन बनाए हैं. इस फॉर्मेट में उन्होंने 14 शतक और 34 अर्धशतक लगाए हैं. मंधाना और मिताली के अलावा न्यूजीलैंड की सूजी बेट्स (10,652 रन) और इंग्लैंड की शार्लोट एडवर्ड्स (10,273 रन) भी इस मुकाम तक पहुंच चुकी हैं.
इस सीरीज से पहले स्मृति मंधाना निजी जीवन में एक कठिन दौर से गुजरी थी. उनकी शादी 23 नवंबर को होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों के चलते शादी को रद्द कर दिया गया. उसी समय उनके पिता की तबीयत भी खराब हो गई थी, जिसके चलते शादी को आगे के लिए टालना पड़ा
यह समय मंधाना के लिए भावनात्मक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि वह पलाश को लंबे समय से जानती थी और शादी का फैसला भी सोच-समझकर लिया गया था. इसके बावजूद उन्होंने खुद को संभाला और मैदान पर शानदार प्रदर्शन करते हुए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की.