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Eng vs IND Test: 'कोहली बनना चाहते हैं गिल मगर...', पूर्व इंडियन क्रिकेटर ने कप्तान के सिर फोड़ा लॉर्ड्रस टेस्ट में हार का ठीकरा

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है, लेकिन लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच ने उनकी कप्तानी और स्वभाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Edited By: Garima Singh
Eng vs IND Test
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Eng vs IND Test: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है, लेकिन लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच ने उनकी कप्तानी और स्वभाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. 25 साल के गिल ने इस सीरीज में 485 रन बनाए, जिसमें उनकी करियर की सर्वश्रेष्ठ 269 रन की पारी शामिल है. लेकिन तीसरे टेस्ट में उनके मैदानी व्यवहार ने उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा सुर्खियां बटोरीं.

तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन गिल का इंग्लैंड के बल्लेबाजों जैक क्रॉली और बेन डकेट के साथ तीखा विवाद हुआ. कैमरे में कैद इस घटना में गिल ने अभद्र भाषा और हाव-भाव का इस्तेमाल किया, जिसने सभी का ध्यान खींचा. पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि इस विवाद ने गिल को मानसिक और सामरिक रूप से असंतुलित कर दिया, जिसका असर उनकी दूसरी पारी में दिखा, जहां वे मात्र 6 रन बनाकर आउट हो गए.

मांजरेकर ने गिल को लेकर कही बड़ी बात 

मांजरेकर ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो के मैच डे पर कहा, "विराट कोहली के साथ बात यह थी कि (अगर हालात बिगड़ते) तो वह और भी ज़्यादा जोश में आ जाते और एक बेहतर बल्लेबाज़ बन जाते. शुभमन गिल की बात ने मुझे निराश किया और इसीलिए मैं सोच रहा था कि शुभमन गिल किस दिशा में जा रहे हैं? क्योंकि ऐसा लग रहा था कि बल्लेबाज़ शुभमन गिल पर इसका सही असर नहीं हुआ."

नेतृत्व का दबाव या आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति?

मांजरेकर ने गिल के स्वभाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनमें कोहली जैसा जोश होता, तो यह पहले ही दिख जाता. "क्योंकि विराट कोहली के साथ, आप देख सकते थे कि वह किसी भी तरह की लड़ाई के लिए तैयार रहते थे. वह हमेशा चीज़ों में उलझने की कोशिश करते थे, कप्तान बनने से पहले से ही. यह एक ऐसा गुण था जो हमने शुरू से ही देखा था. शुभमन गिल के साथ, मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था."उनके अनुसार, गिल का यह व्यवहार संभवतः टेस्ट जीतने और रन बनाने के आत्मविश्वास से उपजा हो सकता है, लेकिन यह उनकी बल्लेबाजी पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है. नई पिच और नई गेंद पर अतिरिक्त ध्यान देने से गिल को कोई लाभ नहीं हुआ.

भारत की स्थिति और गिल के लिए ब्रेक

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत 1-2 से पीछे है. हालांकि, चौथे टेस्ट से पहले मिला आठ दिनों का ब्रेक गिल के लिए वरदान साबित हो सकता है. मांजरेकर ने कहा, "मुझे लगता है कि आठ दिनों का यह ब्रेक उसके लिए एकदम सही है. उसके आस-पास बहुत सारे अच्छे लोग हैं. उसके पिता, जिन्होंने उसके क्रिकेट के सफ़र में अहम भूमिका निभाई है, अपने बेटे को किसी से भी बेहतर जानते होंगे. चाहे वह विराट कोहली हो, संभावित कोहली हो, या [एमएस] धोनी हो, या इन दोनों के बीच कहीं हो."