Paris Paralympics 2024: इन दिनों पेरिस में पैरालंपिक गेम्स 2024 की धूम है. 5वां दिन भारत के लिए शानदार रहा. इस दिन देश के खाते में दूसरा गोल्ड आया. यह गोल्ड दिलाने वाले सुमित अंतिल हैं, जिन्होंने जैवलिन में रिकॉर्ड थ्रो के साथ सोने पर कब्जा किया. उन्होंने पैरालंपिक में रिकॉर्ड 70.59 मीटर दूर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. इस थ्रो के दम पर सुमित ने इस बार पैरालंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.
From Tokyo 🥇 To Paris 🥇
— IndiaSportsHub (@IndiaSportsHub) September 2, 2024
Kuch nahi badla hai
What a Legend he is #SumitAntil pic.twitter.com/dsITZp8tq5
कैसे रहे सुमित के सभी थ्रो
सुमित ने पहले ही प्रयास में 69.11 मीटर के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल पोजीशन पा ली. दूसरे प्यास में रिकॉर्ड को बेहतर करते हुए 70.59 मीटर दूर भाला फेंक दिया. तीसरा थ्रो 66.66 मीटर गया. चौथा थ्रो फाउल रहा. पांचवें और छठे प्रयास में सुमित ने 69.04 और 66.57 मीटर की दूरी तय की. खास बात ये रही कि इस इवेंट में कोई भी दूसरा थ्रोअर 70 मीटर के करीब भी नहीं पहुंच सका.
किसे मिला सिल्वर और ब्रॉन्ज?
श्रीलंका के दुलन कोडितुवाक्कु ने 67.03 मीटर के साथ सिल्वर जीता.
ऑस्ट्रेलिया के मिचल ब्यूरियन ने 64.89 मीटर के साथ ब्रॉन्ज पर कब्जा किया.
सुमित ने कैसे रचा इतिहास?
इस बार गोल्ड पर कब्जा करने वाले सुमित ने अपना ही पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ा. पिछला रिकॉर्ड 68.55 मीटर का था. जो टोक्यो में बनाते हुए गोल्ड जीता था. इतना ही नहीं इस इवेंट का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी सुमित के नाम है. इन्होंने 73.29 मीटर का थ्रो फेंक रखा है.
किस कैटेगरी में खेलते हैं सुमित?
दरअसल, सुमित F64 कैटेगरी में खेलते हैं. इसमें वो एथलीट आते हैं, जिनके शरीर के निचले हिस्से में परेशानी हो. इसमें प्रोस्थेटिक के साथ खेलने वाले एथलीट्स के अलावा वो एथलीट भी शामिल होते हैं, जिनते दोनों पैरों की लंबाई में अंतर हो.
कौन हैं सुमित अंतिल
सुमित हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं. उनका जन्म 7 जून 1998 को हुआ था. पिता वायु सेना में एक JWO ऑफिसर थे. साल 2004 में उनका देहांत हो गया था. पिता के गुजरने के बाद मां निर्मला ने चारों बच्चों का पालन-पोषण किया. सुमित बचपन में कुश्ती में रुचि रखते थे. वो रेसलर बनना चाहते थे, लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी बदली और उन्हें तोड़ने की कोशिश की.
Sumit Antil gets better and better with every throw 💥🚀#ParalympicGamesParis2024 #ParalympicsOnJioCinema #JioCinemaSports #Paris2024 #JavelinThrow pic.twitter.com/Pz0S3mJ4JC
— JioCinema (@JioCinema) September 2, 2024
सड़क हादसे में गंवाया था पैर
बात साल 2015 की है. जब 17 साल की उम्र में ट्यूशन से अपने घर के लौटते वक्त सुमित की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना. वो कई महीनों तक अस्पताल में एडमिट रहे. फिर साल 2016 में उन्हें पुणे ले जाया गया है, जहां उनको नकली पैर चढ़ाया गया. इसके बाद उन्होंने जैवलिन में खूब मेहनत की और पीछे मुड़कर नहीं देखा.