Ambati Rayudu: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने अपने बयानों से विवाद खड़ा कर दिया है. जहां एक तरफ ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा सहित कई भारतीय खिलाड़ी भारतीय सशस्त्र बलों के समर्थन में खड़े हैं.
वहीं रायुडू ने शांति की अपील करते हुए कुछ ऐसे पोस्ट किए, जिनसे सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई. यह विवाद तब और बढ़ गया, जब गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत के कई इलाकों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जिसके जवाब में भारत ने कड़ा रुख अपनाया.
7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें सूत्रों के अनुसार 100 आतंकवादी मारे गए. इसके जवाब में 8 मई को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में ड्रोन, मिसाइल और भारी गोलीबारी से हमले किए. भारत ने अपने S-400 रक्षा तंत्र से आठ मिसाइलों और तीन लड़ाकू विमानों को नाकाम कर दिया. इस दौरान जम्मू हवाई अड्डे पर एक ड्रोन हमला हुआ, जबकि जैसलमेर और पठानकोट में अन्य ड्रोन रोक दिए गए.
रायुडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर महात्मा गांधी के कथन को उद्धृत करते हुए लिखा, "आंख के बदले आंख से पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी." उन्होंने आगे कहा, "यह कमजोरी का आह्वान नहीं, बल्कि समझदारी की याद दिलाता है. न्याय को मजबूत रहना चाहिए, लेकिन इंसानियत को कभी नहीं भूलना चाहिए. हम अपने देश से गहरा प्यार कर सकते हैं और फिर भी अपने दिल में करुणा रख सकते हैं. देशभक्ति और शांति एक साथ चल सकते हैं." इस पोस्ट के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने रायुडू की आलोचना की और इसे भारत के सैन्य कदमों के खिलाफ माना.
“An eye for an eye makes the whole world blind.”
— ATR (@RayuduAmbati) May 8, 2025
Let’s remember — this isn’t a call for weakness, but a reminder of wisdom.
Justice must stand firm, but never lose sight of humanity.
We can love our nation fiercely and still hold compassion in our hearts.
Patriotism and peace can…
विवाद बढ़ने के बाद रायुडू ने एक और पोस्ट में सफाई दी. उन्होंने लिखा, "जम्मू-कश्मीर, पंजाब और भारत के अन्य सीमावर्ती इलाकों में शांति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना. प्रभावित लोगों के लिए ताकत, सुरक्षा और जल्द समाधान की कामना. जय हिंद!" हालांकि, उनकी यह अपील भी विवाद को पूरी तरह शांत नहीं कर सकी. कुछ लोगों ने उनके बयानों को समय के हिसाब से अनुचित बताया, जबकि कुछ ने उनकी शांति की अपील का समर्थन किया.