'इंटरनेशनल क्रिकेट से भी IPL...', संजीव गोयनका से विवाद पर केएल राहुल ने तोड़ी चुप्पी
केएल राहुल और संजीव गोयनका के बीच हुए विवाद को लेकर आज भी चर्चा होती है. ऐसे में अब इस विवाद को लेकर राहुल ने चुप्पी तोड़ी है और इंटरनेशनल क्रिकेट से तुलना की है.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज केएल राहुल ने आखिरकार उस विवाद पर मुंह खोला, जो पिछले साल IPL में लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक संजीव गोयनका के साथ हुआ था. डेढ़ साल बाद राहुल ने बताया कि IPL का दो महीना उन्हें पूरे साल के इंटरनेशनल क्रिकेट से ज्यादा थका देता है.
आईपीएल में कप्तानी को लेकर राहुल ने खुलकर बात की है और बताया है कि आखिर इसमें किस तरह का दबाव होता है. बता दें कि गोयनका के साथ राहुल का विवाद हुआ था और उसी को लेकर अब उन्होंने बात रखी है.
केएल राहुल ने विवाद के बाद खोला राज
IPL में कप्तानी का दबाव अलग स्तर काह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के यूट्यूब चैनल पर जतिन सप्रू से बातचीत में राहुल ने खुलकर बताया कि IPL में कप्तान रहते हुए सबसे ज्यादा परेशानी मीटिंग्स और बार-बार जवाब देने की होती है.
उन्होंने कहा, “IPL में कप्तान के तौर पर आपको ढेर सारी मीटिंग्स करनी पड़ती हैं. हर मैच के बाद रिव्यू, फिर मालिकों को हर फैसले की सफाई देनी पड़ती है. ये सब इतना थका देने वाला होता है कि दो महीने का IPL खत्म होने पर मैं 10 महीने इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने से ज्यादा थका हुआ महसूस करता हूं.”
राहुल ने बताया IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट का अंतर
उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल क्रिकेट में कोच और सिलेक्टर खुद क्रिकेट खेल चुके होते हैं. वे समझते हैं कि क्रिकेट में कुछ भी गारंटी नहीं होती. हालांकि, IPL में सवाल ऐसे आते हैं ये प्लेयर क्यों खेला? वो क्यों नहीं खेला? विरोधी टीम 200 क्यों बना गई? हम 120 पर क्यों ऑलआउट हो गए? ऐसे सवाल पूरे साल इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई नहीं पूछता.”
गोयनका और राहुल का विवाद
2024 के IPL में लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम सनराइजर्स हैदराबाद से 10 विकेट से हारी थी. मैच के ठीक बाद मैदान पर ही संजीव गोयनका का राहुल से गुस्से में बात करना कैमरे में कैद हो गया था. उस वीडियो ने पूरे क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया था.
गोयनका की काफी आलोचना हुई थी. उसके बाद राहुल ने लखनऊ के साथ अपना सफर खत्म कर दिया और मेगा ऑक्शन से पहले टीम छोड़ दी. अब वे दिल्ली कैपिटल्स के साथ हैं.
राहुल की सीख
राहुल ने कहा कि क्रिकेट में जीत की कोई गारंटी नहीं होती, चाहे आप कितने भी सही फैसले ले लें. ये बात खेल के बाहर से आए लोगों को समझाना सबसे मुश्किल काम होता है. यही वजह है कि IPL का मानसिक और शारीरिक थकान इंटरनेशनल क्रिकेट से कहीं ज्यादा होती है.