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India Daily

'उनके खिलाफ एजेंडा...', कोलकाता टेस्ट में हार के बाद गौतम गंभीर के समर्थन में उतरे बैटिंग कोच

कोलकाता में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली हार के बाद गौतम गंभीर को आलोचना का सामना करना पड़ा. इसको लेकर अब बैटिंग कोच गंभीर के समर्थन में उतरे हैं.

Gautam Gambhir
Courtesy: @SelflessCricket (X)

नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया हार गई. मैच के बाद पिच को लेकर काफी बवाल हुआ और निशाना सीधे हेड कोच गौतम गंभीर पर साधा गया. 

हालांकि, अब टीम के बैटिंग कोच खुद मैदान में उतर आए हैं. सितांशु कोटक ने गंभीर का खुलकर बचाव किया है और कहा है कि कुछ लोग निजी एजेंडा के तहत गंभीर को निशाना बना रहे हैं.

सितांशु कोटक ने दिया बड़ा बयान

मैच के बाद गौतम गंभीर ने कहा था “ये वही पिच है जो हम चाहते थे.” इस बयान की काफी आलोचना हुई. लोग इसे समझ रहे थे कि गंभीर ने जानबूझकर ऐसी पिच तैयार करवाई जो पहले दिन से ही टूटने लगी. लेकिन सितांशु कोटक ने साफ किया कि बात ऐसी नहीं है.

कोटक ने बताया, “गौतम ने वो बात इसलिए कही ताकि क्यूरेटर पर कोई उंगली न उठे. वो खुद जिम्मेदारी लेना चाहते थे. असल में किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि पिच इतनी जल्दी खराब हो जाएगी.”

पिच ने सबको चौंकाया

बैटिंग कोच ने माना कि ईडन की पिच ने सभी को हैरान कर दिया. उन्होंने कहा, “भारत में हम स्पिन फ्रेंडली पिचें बनाते हैं ये सबको पता है. मैच चार-साढ़े चार दिन तक चलना चाहिए पहले दो दिन तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलनी चाहिए."

उन्होंने आगे कहा, "कोलकाता में पहले दिन के बाद ही पिच टूटने लगी. सुबह-सुबह इतना टर्न और उछाल कोई नहीं चाहता था. ऊपरी परत बहुत सूखी थी और नीचे ज्यादा रोलिंग की वजह से सतह सख्त हो गई थी. ये संयोग से हुआ किसी की गलती नहीं.”

बल्लेबाजों की तकनीक पर भी सवाल

सितांशु कोटक ने सिर्फ पिच या कोच की बात नहीं की बल्कि बल्लेबाजों की तकनीक पर भी खुलकर बोले. उनका कहना था, “टर्निंग ट्रैक पर फुटवर्क बहुत जरूरी है. लेंथ जल्दी पहचानो, आगे या पीछे साफ खेलो."

हार हुई तो सिर्फ गौतम गंभीर का नाम

सबसे तीखा बयान कोटक ने आलोचना करने वालों पर किया. उन्होंने कहा, “लोग सिर्फ गौतम गंभीर-गौतम गंभीर कर रहे हैं. कोई ये नहीं पूछ रहा कि बल्लेबाजों ने क्या किया? बैटिंग कोच ने क्या बेहतर कर सकते थे? जीते तो सब ठीक, हारे तो सारा दोष गंभीर पर. शायद कुछ लोगों का अपना पर्सनल एजेंडा है, जो बहुत गलत है.”

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