बॉर्डर-गावास्कर में भारतीय टीम हार गई. ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से सीरीज पर कब्जा जमाया. सीरीज हारने के ऐसे तो कई कारण हैं, लेकिन भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि अगर स्कॉट बोलैंड नहीं खेलते तो भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में हुई सीरीज जीत सकता था. बोलैंड को एडिलेड में दूसरे टेस्ट में जोश हेजलवुड की जगह शामिल किया गया था, जो चोट के कारण बाहर हो गए थे.
स्कॉट बोलैंड ने कमाल का प्रफॉर्म किया. सभी मैच में वे भारतीय बल्लेबाजों के लिए काल बने. खासकर के विराट कोहली को उन्होंने काफी परेशान किया. उनके शानदार प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए अश्विन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने शानदार सीरीज खेली, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने उन्हें संघर्ष करना पड़ा और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज जीत में बोलैंड की अहम भूमिका का जिक्र किया.
अगर बोलैंड नहीं खेलते...
अश्विन ने कहा कि सभी ने कहा कि पैट कमिंस ने शानदार सीरीज़ खेली, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने उन्हें संघर्ष करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली था कि स्कॉट बोलैंड टीम में आए. अगर बोलैंड नहीं खेलते, तो भारत सीरीज जीत जाता. जोश हेज़लवुड को कोई दोष नहीं देना चाहिए; वह एक शानदार गेंदबाज़ हैं. लेकिन अगर वे उसी आक्रमण के साथ जारी रहते, तो हम जीत जाते. हमारे बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए बोलैंड की राउंड-द-विकेट डिलीवरी एक प्रमुख हथियार था.
बोलैंड ने लिए 21 विकेट
बोलैंड ने केवल तीन मैच खेले, लेकिन छह पारियों में 13.19 की औसत और 29.04 की स्ट्राइक रेट से 21 विकेट लेकर सीरीज का तीसरा सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज़ बन गया. उन्होंने अंतिम टेस्ट में दस विकेट लेकर प्लेयर ऑफ़ द मैच का खिताब भी जीता. इसके अलावा, अश्विन ने पांच मैचों की सीरीज के दौरान दोनों टीमों के बीच हुए कड़े मुकाबले पर खुशी व्यक्त की और बताया कि कैसे अंतिम क्षण तक सीरीज दांव पर लगी हुई थी.
उन्होंने कहा, सिडनी में आखिरी सत्र तक सीरीज दांव पर थी. यह कितनी शानदार सीरीज थी. क्रिकेट के रूप में, यह एक बेहतरीन सीरीज थी. ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी दिन तक कड़ी टक्कर के बाद सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न और सिडनी में आखिरी दो टेस्ट जीतकर 3-1 से सीरीज अपने नाम की.