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India Daily

ऑस्ट्रेलिया में भारत को टेस्ट सीरीज जिताने वाले खिलाड़ी ने बोर्ड से मांगी NOC, दूसरी टीम से खेलने का किया फैसला

Hanuma Vihari: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज हनुमा विहारी ने आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की है. वे अब घरेलू क्रिकेट में किसी अन्य टीम से खेलना चाहते हैं और इसी वजह से उन्होंने ऐसा फैसला किया है.

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Courtesy: Social Media

Hanuma Vihari: भारतीय क्रिकेट में हमें कई बार देखने को मिला है, जब खिलड़ियों को मौके नहीं मिलने पर या फिर अन्य कारणों की वजह से अपनी घरेलू टीम को छोड़ना पड़ता है. इसी कड़ी में अब एक बार फिर से स्टार बल्लेबाज हनुमा विहारी का नाम शामिल हो गया है. विहारी फिलहाल आंध्र प्रदेश के लिए खेल रहे हैं लेकिन उन्होंने आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की है.

हनुमा विहारी का आंध्र प्रदेश के साथ सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. उन्होंने 2016-17 सीजन में हैदराबाद छोड़कर आंध्र की टीम जॉइन की थी लेकिन दो सीजन बाद वह फिर से हैदराबाद लौट गए. पिछले साल आंध्र में उनकी कप्तानी को लेकर भी विवाद हुआ, जब राजनीतिक कारणों से उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया. इन सबके बाद अब विहारी ने आंध्र को अलविदा कहने का मन बना लिया है.

हनुमा विहारी त्रिपुरा के बन सकते हैं कप्तान

हनुमा विहारी ने बताया कि वह कुछ समय से नई टीम में जाने के बारे में सोच रहे थे. त्रिपुरा क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अपनी टीम में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है. सूत्रों के मुताबिक, अगर विहारी त्रिपुरा की ओर से खेलते हैं, तो उन्हें सभी प्रारूपों में टीम की कप्तानी भी सौंपी जा सकती है. त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तपन लोध ने पुष्टि की कि विहारी को उनकी टीम में शामिल करने की योजना है.

शानदार रहा है घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन

हनुमा विहारी ने आंध्र के लिए उन्होंने 44 फर्स्ट क्लास मैचों में 3013 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 45 रहा. इस दौरान उन्होंने 4 शतक और 20 अर्धशतक जड़े. वहीं हैदराबाद के लिए 40 मैचों में 3155 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं और उनका औसत 57 का रहा. इसके अलावा उन्होंने  अब तक भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 839 रन बनाए हैं. विहारी ने इस दौरान एक शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं. उनका औसत 33 का रहा है.

सिडनी में ड्रॉ कराया था मुकाबला

विहारी ने 2020-21 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने इस दौरे पर सिडनी टेस्ट में टूटे हाथ के साथ 161 गेंदों का सामना किया था और मुकाबले को ड्रॉ कराया था, जिससे टीम इंडिया सीरीज में बनी रही थी. इसके बाद भारत ने गाबा में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.