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India Daily

ENG vs IND: डॉन ब्रैडमैन भी छूट जाएंगे पीछे, दूसरे टेस्ट में नया इतिहास लिख सकते हैं यशस्वी जायसवाल

ENG vs IND: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे मुकाबले में भारत के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के पास इतिहास रचने का मौका है. वे डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते हैं.

Yashasvi Jaiswal
Courtesy: Social Media

ENG vs IND: भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में खेला गया पहला टेस्ट भारत के लिए निराशाजनक रहा, जहां इंग्लैंड ने पांच विकेट से जीत हासिल की. इस मैच में यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक जड़ा लेकिन भारत जीत नहीं सका. 

अब दूसरे टेस्ट में यशस्वी के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका है. वह इंग्लैंड के खिलाफ सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज बन सकते हैं और साथ ही भारत के लिए सबसे तेज 2000 टेस्ट रन का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं. 

हेडिंग्ले में यशस्वी जायसवाल का जलवा

पहले टेस्ट में यशस्वी जायसवाल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा और 101 रन बनाए थे. इंग्लैंड के खिलाफ उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अब तक छह टेस्ट में तीन शतक और तीन अर्धशतक लगाए हैं. 2024 में जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था, तब यशस्वी ने 700 से ज्यादा रन बनाए थे. 

यशस्वी के सामने ऐतिहासिक मौका

यशस्वी जायसवाल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रचने की कगार पर हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 11 पारियों में 817 रन बनाए हैं. अगर वह दूसरे टेस्ट में 183 रन बना लेते हैं, तो वह इंग्लैंड के खिलाफ सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे. यह रिकॉर्ड अभी डॉन ब्रैडमैन के नाम है, जिन्होंने 13 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी. यशस्वी के पास इसे 12 पारियों में तोड़ने का मौका है.

इसके अलावा, यशस्वी भारत के लिए सबसे तेज 2000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन सकते हैं. उन्होंने अब तक 38 पारियों में 1903 रन बनाए हैं. उन्हें इस रिकॉर्ड के लिए सिर्फ 97 रनों की जरूरत है. यह रिकॉर्ड अभी राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग के नाम है, जिन्होंने 40 पारियों में 2000 रन पूरे किए थे.

भारत की बल्लेबाजी में चिंता

पहले टेस्ट में यशस्वी के साथ शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत ने भी शतक जड़े, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों करुण नायर, रवींद्र जडेजा और शार्दूल ठाकुर के खराब प्रदर्शन ने भारत को नुकसान पहुंचाया. दोनों पारियों में निचला क्रम ढह गया, जिसके कारण भारत अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सका.