Debabrata Das: बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) ने अपने संयुक्त सचिव देबब्रत दास को वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया है. यह फैसला बंगाल क्रिकेट के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है.
CAB ने देबब्रत दास को छह महीने के लिए सभी गतिविधियों और पदों से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की गहन जांच शुरू की गई है. CAB का कहना है कि 6 महीने के भीतर जांच पूरी हो जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
देबब्रत दास पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पैसे लेकर खिलाड़ियों को बंगाल की टीमों या CAB से जुड़े क्लबों में चयन का वादा किया था. इसके अलावा, उन पर टाउन क्लब के खिलाड़ियों के खाने के बिल को CAB की कैंटीन के खर्च के तौर पर पास करने का भी आरोप है. यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने खिलाड़ियों पर टाउन क्लब के लिए खेलने का दबाव बनाया और बदले में भविष्य में बंगाल की टीम में चयन का आश्वासन दिया.
देबब्रत दास टाउन क्लब के चेयरमैन भी हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए CAB ने टाउन क्लब को दी जाने वाली फंडिंग पर भी रोक लगा दी है. यह कदम बंगाल क्रिकेट समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है और कई लोग भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
यह पहली बार नहीं है जब देबब्रत दास विवादों में घिरे हैं. इससे पहले, वह पूर्व भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ सार्वजनिक विवाद में शामिल थे. साहा ने दास पर उनकी बंगाल टीम के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने का आरोप लगाया था. इस विवाद के बाद साहा ने बंगाल छोड़कर त्रिपुरा की टीम में शामिल होने का फैसला किया था.