Jasprit Bumrah: भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच में नहीं खेलने का फैसला किया है. इस निर्णय के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनकी उपलब्धता और वर्कलोड मैनेजमेंट नीति की समीक्षा शुरू कर दी है. बुमराह ने इस सीरीज में 14 विकेट लिए, जो मोहम्मद सिराज के बराबर है, लेकिन सिराज ने सभी पांच टेस्ट खेले.
इंग्लैंड दौरे से पहले ही भारतीय टीम प्रबंधन ने फैसला किया था कि जसप्रीत बुमराह केवल तीन टेस्ट मैच खेलेंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि वे कौन से तीन मैच होंगे. बुमराह ने हेडिंग्ले, लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए पहले, तीसरे और चौथे टेस्ट में हिस्सा लिया. पांचवें टेस्ट में उनकी गैरमौजूदगी ने BCCI को उनकी उपलब्धता नीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है.
बुमराह की गैरमौजूदगी ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की योजना को मुश्किल बना दिया है. BCCI का मानना है कि बुमराह की फिटनेस और वर्कलोड को लेकर चयन से पहले मेडिकल टीम को उनकी पूरी रिपोर्ट देनी चाहिए. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, BCCI इस बात से नाखुश है कि बुमराह अपनी मर्जी से मैच चुन रहे हैं. अगर भविष्य में वे पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, तो उन्हें टेस्ट टीम में शामिल न करने पर विचार किया जा सकता है.
भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने वर्कलोड मैनेजमेंट के बारे में बताया कि यह गेंदबाज के हर हफ्ते डाले गए ओवरों पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई गेंदबाज टी20 की तैयारी कर रहा है, तो वह पांच दिन में छह ओवर डालकर पर्याप्त वर्कलोड हासिल कर सकता है.
टेस्ट क्रिकेट के लिए गेंदबाज को हर हफ्ते 30 ओवर डालने चाहिए. अगर किसी मैच में अचानक 35 ओवर डालने पड़ जाएं, तो यह वर्कलोड में बढ़ोतरी मानी जाती है. इसके अलावा, गेंदबाज की थकान और उनकी अपनी राय भी इस फैसले में महत्वपूर्ण होती है.