Asian Games 2023: सेलर नेहा ठाकुर के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने हांग्जो में एशियाई खेलों में तीसरे दिन पदक का खाता खोला. उन्होंने गर्ल्स डिंगी ILCA-4 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता. उन्होंने कुल 32 अंक हासिल किए और 27 के नेट स्कोर ने उन्हें ये मेडल जीतने में मदद की.
नेहा ठाकुर महज 17 साल की हैं और उन्होंने भारत को एशियन गेम्स के इस एडिशन में सेलिंग यानी नौकायन में पहला मेडल दिलाया है. ये भारत का 19वें एशियाई खेलों में चौथा सिल्वर मेडल था.
सेलिंग में कैसे होता है विजेता का चयन?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, नौकायन में, किसी प्रतियोगी का नेट स्कोर निर्धारित करना विजेता को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें सेलर की सभी रेसों को ध्यान में रख जाता है. फिर सेलर के कुल प्राप्त अंकों में से सबसे खराब स्कोर को घटाते हुए अंतिम नेट स्कोर मिलता है. सबसे कम नेट स्कोर वाला सेलर विजेता घोषित किया जाता है.
नौकायन में, गर्ल्स की डिंगी ILCA-4 कैटेगरी में कुल 11 रेस शामिल होती हैं. इन रेसों में नेहा ने कुल 32 अंक बनाए. लेकिन पांचवीं रेस में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था और उन्हें केवल 5 अंक मिले. यह उनका सबसे खराब स्कोर था, इसलिए इसे उनके कुल अंकों में से घटा दिया गया. इस तरह उनका नेट स्कोर 27 हो गया. किसी भी लेवल पर नेहा के लिए कंपटीशन आसान नहीं था लेकिन युवा भारतीय सेलर ने जबदस्त धैर्य और जज्बे का प्रदर्शन करते हुए भारत की झोली में पदक डाल दिया.
कौन हैं 17 साल की नेहा ठाकुर?
आइए जानते हैं नेहा ठाकुर के बारे में, जिन्होंने सेलिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. नेहा ठाकुर केवल 17 साल की हैं और नेशनल सेलिंग स्कूल, भोपाल से एक उभरती हुई सेलर हैं. वह मध्य प्रदेश के एक किसान की बेटी हैं और देवास जिले की हाटपिपलिया तहसील के अमलताज गांव में रहती हैं.
नेहा पिछले साल मार्च में अबू धाबी में एशियन सेलिंग चैंपियनशिप में ब्रान्ज मेडल जीतकर भी सुर्खियों में आई थीं. इस पदक ने उन्हें हांग्जो में चल रहे एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने में मदद की थी.
भारत के खेल मंत्री ने 17 साल की प्रतिभाशाली नेहा ठाकुर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. उन्होंने इसे एक जबरदस्त प्रयास बताते हुए कहा है, 'एशियन गेम्स में नेहा की यात्रा लगातार शानदार रही है, वह कभी भी किसी भी रेस में रैंक -5 से नीचे नहीं आईं. उनकी ताकत, लचीलेपन और अटूट दृढ़ संकल्प ने हमारे देश को एक बढ़िया पदक दिलाया है.'
क्या होती है सेलिंग?
नौकायन में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं शामिल होती हैं. रेसिंग फॉर्मेट में क्लोज्ड कोर्स और पॉइंट-टू-पॉइंट प्रतियोगिताएं दोनों शामिल हैं. डिंगी रेसिंग एक खेल है जिसमें छोटी नावों को दौड़ाया जाता है. इन नावों को डिंगी कहा जाता है.
कौन हैं भारत के सबसे सफल सेलर?
नौकायन पहली बार 1970 में एशियाई खेलों में शामिल किया गया था. 1974 में इसे इस खेल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन 1978 से यह हर बार एशियाई खेलों में खेला जाता है. भारत ने नौकायन में एशियाई खेलों में कुल 20 पदक जीते हैं, जिसमें से 1 गोल्ड, 7 सिल्वर और 12 ब्रान्ज मेडल शामिल हैं.
भारत के फारुख तारापोर सबसे सफल सेलर हैं. वह तीन बार ओलंपिक में भाग ले चुके हैं और एशियाई खेलों में भारत के लिए एकमात्र गोल्ड भी उन्हीं के नाम है. उन्होंने 1982 के एशियाई खेलों में जरीर करंजिया के साथ मिलकर यह पदक जीता था. उनके नाम दो रजत और दो कांस्य पदक भी हैं.
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