एशिया कप 2025 की शुरुआत से कुछ दिन पहले ही टूर्नामेंट विवादों के घेरे में आ गया है. दरअसल, सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क ने दर्शकों में रोमांच जगाने के लिए इंडिया-पाकिस्तान मैच का प्रमोशनल वीडियो जारी किया, जिसमें पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और दोनों टीमों के स्टार खिलाड़ी नजर आए. लेकिन यह वीडियो उल्टा पड़ गया और सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क ने 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले को प्रमोट करने के लिए एक वीडियो रिलीज किया. इसमें भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव, पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी और भारतीय दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग शामिल थे. लेकिन वीडियो जारी होते ही यूजर्स ने इसे लेकर नाराजगी जताई है. लोगों का कहना था कि जब पहलगाम आतंकी हमले से देश सदमे में है, तब ऐसे वक्त में भारत-पाक मैच को ‘महासंग्राम’ की तरह पेश करना असंवेदनशील है.
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर #BoycottSony और #BoycottAsiaCup जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. बड़ी संख्या में फैंस ने कहा कि पाकिस्तान से खेलना ही गलत है और ऐसे विज्ञापन देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. कई लोगों ने बीसीसीआई और वीरेंद्र सहवाग को भी जिम्मेदार ठहराया और इस प्रमोशनल कैंपेन से दूरी बनाने की मांग की.
140 crore dhadkanein ek saath dhadkegi apni #TeamIndia ke liye! 💙🇮🇳 Kyunki rag rag mein hain rang Bharat ka. 🇮🇳🔥
— Sony Sports Network (@SonySportsNetwk) August 22, 2025
Dekhiye Asia Cup September 9 se Sony Sports Network ke TV Channels aur Sony LIV par!#RagRagMeinBharat #TeamIndia #AsiaCup #SonyLIV #SonySportsNetwork pic.twitter.com/SgCFONOm6n
विवाद के बीच टूर्नामेंट का खेल पक्ष भी अहम है. यह भारत का पहला बड़ा टूर्नामेंट है जब विराट कोहली और रोहित शर्मा टीम का हिस्सा नहीं होंगे. सूर्यकुमार यादव युवा टीम की कमान संभाल रहे हैं और भारत का ग्रुप ए में सामना यूएई, ओमान और पाकिस्तान से होगा. टीम मैनेजमेंट को उम्मीद है कि यह नई टीम भविष्य की तैयारी करेगी, लेकिन विवादों के कारण ध्यान क्रिकेट से ज्यादा राजनीति पर केंद्रित हो गया है.
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट हमेशा से राजनीतिक और भावनात्मक पृष्ठभूमि से प्रभावित रहा है. पहलगाम हमले के बाद हालात और भी संवेदनशील हो गए हैं. ऐसे में इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना चाहिए या नहीं. यह विवाद आने वाले दिनों में एशिया कप की चमक फीकी कर सकता है और दर्शकों का ध्यान खेल से हटाकर राजनीतिक बहस की ओर मोड़ सकता है.