Sahibzada Farhan Celebration: 21 सितंबर 2025 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में एशिया कप 2025 के सुपर 4 मुकाबले में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान के ऑन-फील्ड उत्सव ने विवाद खड़ा कर दिया. शुक्रवार को ICC की सुनवाई में फरहान ने साफ कहा कि उनके जश्न का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था. उन्होंने अपनी गलती मानने से इनकार करते हुए पूर्व भारतीय कप्तानों महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली के उदाहरण भी दिए.
पाकिस्तान और भारत के बीच हुए हाई-वोल्टेज मुकाबले में फरहान ने 34 गेंदों में अर्धशतक जड़ा और इसके बाद बंदूक जैसे इशारे से जश्न मनाया. भारत ने इस हरकत को भड़काऊ मानते हुए ICC में आधिकारिक शिकायत दर्ज की. फरहान के साथ-साथ उनके साथी गेंदबाज हारिस रऊफ पर भी ऐसे ही इशारों के लिए सवाल उठे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक ICC की सुनवाई में फरहान ने अपने बचाव में कहा कि उनका जश्न पूरी तरह निजी था और इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं था. उन्होंने बताया कि पठान समुदाय में ऐसे इशारे खुशी के मौकों, जैसे शादी-विवाह में आम हैं. इसके साथ ही उन्होंने धोनी और कोहली का हवाला दिया, जिन्होंने अतीत में मैदान पर बंदूक जैसे इशारे किए थे. फरहान ने कहा कि अगर उनके इशारे को गलत समझा गया, तो ये उनकी गलती नहीं है और वह इसकी परवाह नहीं करते.
फरहान के अलावा हारिस रऊफ की हरकतों ने भी विवाद को हवा दी. महत्वपूर्ण विकेट लेने के बाद रऊफ ने '6-0' का इशारा किया और एक लड़ाकू विमान को मार गिराने की नकल की. इसे भी भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव से जोड़कर देखा गया. सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में इन हरकतों की जमकर आलोचना हुई. कई लोगों का मानना है कि खिलाड़ियों को मैदान पर ऐसी हरकतों से बचना चाहिए, जो राजनीतिक संदेश दे सकती हों.
इस घटना ने एक बार फिर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी और खेल भावना पर चर्चा छेड़ दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिकेट जैसे खेल में, जहां भारत-पाकिस्तान के मुकाबले पहले से ही भावनात्मक रूप से भारी होते हैं, खिलाड़ियों को अपने व्यवहार पर खास ध्यान देना चाहिए. ऐसे इशारे न सिर्फ खेल की भावना को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकते हैं.