Chess Olympiad: चेस ओलिंपियाड में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले प्लेयर्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की. इस दौरान सभी विनर को बधाई दी और फोटो भी क्लिक कराई. ओलंपियाड के 97 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने ओपन और विमेंस दोनों कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीते हैं.
पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान भारत की महिला टीम से डी हरिका, वैशाली रमेश बाबू, दिव्या देशमुख, तानिया सचदेवा और वंतिका अग्रवाल नजर आईं, वहीं मेंस टीम से डी. गुकेश, आर. प्रागनानंदा, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और हरिकृष्ण पेंटाला मिलने पहुंचे थे.
ऑल इंडिया चेस फेडरेशन ने किया सम्मानित
विनर्स को ऑल इंडिया चेस फेडरेशन ने खिलाड़ियों को दिल्ली में सम्मानित भी किया. इस इवेंट के दौरान ही फेडरेशन ने गोल्ड जीतने वाली टीम के सभी प्लेयर्स को 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया. कुल तीन करोड़ 20 लाख रुपये की ईनामी राशि देने का ऐलान किया गया है.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi meets the Chess Olympiad winning team at his residence, in Delhi pic.twitter.com/7njupbpncK
— ANI (@ANI) September 25, 2024
कोच को मिलेंगे इतने रुपए
जानकारी के अनुसार, विजेता टीम के हर एक सदस्य को 25-25 लाख रुपए मिलेंगे, जबकि पुरुष और महिला टीमों के कोच अभिजीत कुंटे और श्रीनाथ नारायण को 15-15 लाख रुपए का ईनाम मिलेगा. भारतीय दल के प्रमुख ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ को 10 लाख रुपये जबकि सहायक कोचों को 7.5 लाख रुपये दिए जाएंगे.
कहां हुआ था आयोजन
चेस ओलंपियाड 2024 में ओपन कैटेगरी में भारत ने 10वें राउंड के बाद ही गोल्ड कन्फर्म कर लिया था. हालांकि विमेंस टीम का गोल्ड 11वें राउंड के बाद कन्फर्म हुआ. चेस ओलंपियाड का आयोजन 10 सितंबर से हंगरी के बुडापेस्ट शहर में हुआ था.
कब हुआ था पहला चेस ओलंपियाड
1924 में पहले चेस ओलिंपियाड का आयोजन हुआ था. ये अन ऑफिशियल इवेंट था. इसके तीन साल बाद इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) ने 1927 से ऑफिशियल चेस ओलंपियाड कराना शुरू किया, साल 1950 तक ओलंपियाड हर साल हुआ, वर्ल्ड वॉर के दौरान आयोजन नहीं हो पाया, फिर 1950 के बाद से हर 2 साल में यह आयोजित होता आ रहा है. इस बार 45वां चेस ओलंपियाड था.