भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन फिर से टल गया है. एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 mission) को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि इंजीनियरों ने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में रिसाव की मरम्मत के लिए और समय मांगा है. स्पेसएक्स ने एक्स पर एक पोस्ट में पुष्टि की है कि 11 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए निर्धारित एक्सिओम-4 (एक्स-4) मिशन का प्रक्षेपण फिर से स्थगित कर दिया गया है. यह देरी पोस्ट-स्टेटिक फायर बूस्टर निरीक्षण के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन (एलओएक्स) रिसाव का पता चलने के बाद हुई है. इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को आईएसएस भेजा जाना है .
कंपनी ने कहा कि स्पेसएक्स टीमों को एलओएक्स लीक की मरम्मत के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए कल के फाल्कन 9 लॉन्च से पीछे हट रही है. कंपनी ने कहा कि मरम्मत पूरी होने के बाद और रेंज की उपलब्धता के अधीन एक नई लॉन्च तिथि साझा की जाएगी. इससे पहले स्पेसएक्स ने एक्स पर लिखा था कि मौसम प्रक्षेपण के लिए 85% अनुकूल है, तथा टीमें चढ़ाई वाले गलियारे में तेज़ हवाओं की निगरानी जारी रखे हुए हैं.
लॉन्चिंग में देरी की पुष्टि करते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक्स पर लिखा, फाल्कन 9 प्रक्षेपण यान के बूस्टर चरण के प्रदर्शन को मान्य करने के लिए प्रक्षेपण यान की तैयारी के हिस्से के रूप में लॉन्चिंग पैड पर सात सेकंड का गर्म परीक्षण किया गया. यह समझा जाता है कि परीक्षण के दौरान प्रणोदन बे में LOX रिसाव का पता चला था.
इसमें कहा गया कि इसरो टीम द्वारा एक्सिओम और स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा के आधार पर, प्रक्षेपण से पहले लीक को ठीक करने और आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है. इसलिए आईएसएस में पहले भारतीय गगनयात्री को भेजने के लिए 11 जून 2025 को निर्धारित एक्सिओम 04 का प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया है.
एक्सिओम स्पेस, नासा, स्पेसएक्स और इसरो के संयुक्त प्रयास से एक्सिओम-4 मिशन राकेश शर्मा की 1984 की यात्रा के बाद चार दशक से अधिक समय के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है. यह चौथी बार है जब एक्सिओम-4 मिशन में देरी हुई है. कुछ दिन पहले, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण इसे स्थगित किया गया था , जिसमें प्रक्षेपण स्थल पर बारिश और तेज़ हवाओं की 45 प्रतिशत संभावना बताई गई थी. लॉन्च होने के बाद, Ax-4 मिशन में अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन तक रहेंगे, जहां वे कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.