एक बिहारी समाज ही ऐसा समाज है जो सूरज के दोनों रूपों की पूजा करता है..बिहारी समाज सूरज के उगने पर भी उसको पूजता है और उसके अष्ट होने पर भी उसको पूजता है..
छठ पूजा में लोगों की काफी आस्था होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके वैज्ञानिक और औषधीय महत्व भी हैं.
सूर्य को जल देने की बात करें तो इंसान के शरीर में रंगों का संतुलन बिगड़ने से भी कई बीमारियों के शिकार होने का खतरा होता है और सूर्य को जल देने से यह संतुलन में रहता है.
वैज्ञानिक नजरिये से देखें तो षष्ठी के दिन विशेष खगोलीय बदलाव होता है जिस कारण इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए जल में खड़े रहकर छठ व्रत किया जाता है.
इस बार छठ पूजा 17 नवंबर से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलने वाला है जिसमें नहाय-खाय, खरना, सांझ अर्घ्य और सुबह की अर्घ्य होगा.