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अगर रहना चाहते हैं हार्ट अटैक से दूर तो रोज करें ये योगासन, दिल की हर एक बीमारी हो जाएगी दूर!

Yoga for good heart : बीते दिनों उत्तर प्रदेश के IIT कानपुर के प्रोफेसर स्पीच देते हुए गिर गए. इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पता चला कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई. स्पीच के दौरान वो स्वास्थ्य पर ही बाते कर रहे थें. लेकिन अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया.

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Gyanendra Tiwari
Yoga for good hear

Yoga for good heart : आजकल बदलती लाइफस्टाइल की वजह से हमारा शरीर अनेकों बीमारियों को बुलावा देता है. एक दौर था कि हृदय रोग संबंधी बीमारी बड़े और बूढ़ों को ही होती थी. लेकिन अब आलम ये हैं कि 18 से 20 साल के नौ जवानों की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो रही है. दिल की बीमारियां युवाओं को अपनी चपेट में ले रही हैं. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के IIT कानपुर के प्रोफेसर स्पीच देते हुए गिर गए. इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पता चला कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई. स्पीच के दौरान वो स्वास्थ्य पर ही बाते कर रहे थें. लेकिन अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया. यानी आज के समय में किसको क्या हो जाए कुछ नहीं पता. इसलिए जरूरी है कि हम अपने आपको जितना स्वस्थ रख सकें उतना ही लाभदायक है.

 

चौंकाने वाला है आंकड़ा

 


आजकल हार्ट अटैक किसी को भी आ सकता है. इसलिए अपने दिल का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है. दिल की बीमारियों जैसे कार्डियक अरेस्ट, हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक की वजह से रोजाना कई लोगों की मौत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो 2000 के बाद से 2019 तक इससे 8.9 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हुई दिल की बीमारियों की वजह से हुई है. विश्व भर में हुई कुल मौत में 16%  मौतों का जिम्मेदार इस्केमिक हार्ट डिजीज ही है.

बहुत से यंग लोगों को लगता है कि वो भी जवान हैं तो उन्हें हार्ट अटैक, दिल का दौरा या फिर हृदय रोग संबंधी बीमारियां नहीं होंगी लेकिन ऐसा नहीं है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल के चलते. दिल की बीमारी किसी को भी हो सकती है. अगर दिल की बीमारियों से बचना है तो रोजाना अपने दिल का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है. इसके लिए कुछ जरूरी योगासन किए जा सकते हैं जो हमारे दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और हमें बीमारियों से दूर रखते हैं.

 

धनुरासन

Dhanurasana
Dhanurasana

दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोज धनुरासन योग किया जा सकता है. ये योगासन हमारे पेट की मांसपेशियों को मजबूत और रीढ़ को लचीली बनाता है. इसके साथ ही यह योगासन हमारे रक्तचाप को भी सुधारने में मदद करता है. अगर आप इस योगासन को रोजाना करते हैं तो डायबिटीज, पाचन और दिल संबंधी बीमारियों से आप दूर रहेंगे.

कैसे करें धनुरासन योग:

धनुरासन योग में हमें पेट के बल लेटना होता है. पैरों में गैप रखना जरूरी है. इसके बाद अपने हाथों को पीछे ले जाएं और पैरों को पकड़कर पीछे से मोड़ते हुए ऊपर की ओर ले आएं. इसके साथ ही सामने देखते हुए अपने सिर को ऊपर की ओर उठाएं. शुरुआत में आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है. इसलिए बॉडी को ज्यादा पुश न करें. धीरे-धीरे यह आपके रूटीन में आ जाएगा.

 

पश्चिमोत्तानासन

Paschimottanasana
Paschimottanasana

पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या, नींद की समस्या, स्ट्रेस से छुटकारा पाना के लिए पश्चिमोत्तानासन योग किया जा सकता है. इसके साथ ही यह हमारे पेट की चर्बी को कम करने में भी मददगार साबित होता है. इसे करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है.

कैसे करें पश्चिमोत्तानासन:

इस योगासन को करना बहुत ही आसान है. सबसे  पहले आप जमीन पर मैट बिछाकर बैठ जाएं. अपने पैरों को फैला लें. इसके बाद अपने शरीर को पैरों की ओर झुकाएं. और अपने माथे को पैरों पर टिकाएं. अपने दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें.

 

भुजंगासन

Bhujangasana
Bhujangasana

दिल की बीमारियों से दूर रखने के लिए भुजंगासन भी बहुत ही फायदेमंद होता है. यह हमारे मांसपेशियों को लचीला बनाता है. इसे करने से  साइटिका, फेफड़ों की बीमारी, मोटापा और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है.


कैसे करें भुजंगासन:

भुजंगासन करना भी आसान है. सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को एकदम सीधा रख लें. हाथों को नीचे फ्लैट रखकर अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं. अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन को जितनी देर हो सके करें. वैसे अगर आप 30 सेकेंड तक इसे करते हैं तो सही है.


सेतुबंधासन
 

Setubandhasana
Setubandhasana

सेतुबंधासन योगासन करके फेफड़ों और दिल को हेल्दी रखा जा सकता है. इस योग को करने के शरीर को ऊर्जा मिलती है. साथ ही साथ यह रीढ़ की हड्डी में होने वाली जकड़न-दर्द से राहत दिलाने में मददगार साबित होता है.


कैसे करें सेतुबंधासन:

इसे करने के लिए पहले सीधे लेट जाएं. अपने हाथों को एकदम सीधा जमीन से सटाकर रखें. इसके बाद धीरे धीरे अपने घुटनों को ऊपर उठाएं और शरीर को ऊपर की ओर उठाएं. अपने दोनों हाथो को नीचे ही रखे. इस योगासन को करने के दौरान हमारी शरीर का आकार पुल की तरह बन जाता है इसलिए इसे सेतुबंधासन कहा जाता है.

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.