Cooking Mistakes : जागरूकता के अभाव में अधिकतर लोग रोटी बनाते समय कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिसका हमारी हेल्थ पर काफी खराब असर पड़ता है. इससे भोजन की गुणवत्ता तो खराब होती ही है, इसके साथ ही ऐसा खाना खाने वाले को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.
सभी घरों में रोटी नियमित रूप से बनाई जाती है. यह बेहद हल्का और संतुलित भोजन के अंतर्गत आती है. रोटी पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होती है, लेकिन हम कई बार ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिस कारण हमें इसकी गुणवत्ती का लाभ नहीं मिल पाता है. इसको खाना जहर के समान हो जाता है.
मल्टीग्रेन आटे का न करें इस्तेमाल- कई लोग खाने के लिए मिश्रित अनाज की रोटियां बनाते हैं. इस मल्टीग्रेन आटे में बार्ली, गेहूं, ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ आदि का आटा शामिल होता है. इन सभी को एक साथ खाने से पाचन क्रिया पर अधिक भार पड़ता है. हमारा शरीर इसको पचाने में खुद को असमर्थ महसूस करता है. आप भोजन जितना अधिक सादा और सरल करेंगे, उतना ही उसे पचाना आसान होगा. इसके साथ ही पोषक तत्वों का अवशोषण भी आसानी से होगा. इस कारण एक समय पर एक ही अनाज का सेवन करें.
आजकल लोग खाना बनाने के लिए नॉनस्टिकी पैन का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही कुछ लोग नॉनस्टिकी तवे का भी इस्तेमाल रोटियों को पकाने के लिए करते हैं. जो कि काफी नुकसानदायक है. नॉनस्टिकी तवे पर रोटी बनाने से शरीर डैमेज होता है और कैंसर जैसी बीमारी भी हो जाती है. इस कारण लोहे के तवे पर ही रोटियां बनानी चाहिए.
रोटी बनाने के लिए तैयार किए गए आटे के डो को लगभग 10 से 15 मिनट तक ऐसे ही रख देना चाहिए. इससे चपाती मुलायम बनती है. इसके साथ ही कुछ देर में आटा फर्मेंट हो जाता है और इसमें गुड बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं. गुड बैक्टीरिया आपकी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
अगर आप भी रोटी तैयार करके इसे एल्युमिनियम फॉयल में पैक कर देते हैं तो सावधान हो जाएं. यह आपके फूड में लीच कर सकता है. इससे आपको डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे रोग हो सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ की स्टडी में पाया गया है कि आग में मौजूद केमिकल रोटी के पोषक तत्वों को कम करते हैं. इस कारण भोजन को सीधे आग में पकाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. रोटी को तवे पर ही कपड़े से दबाकर पकाएं.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.