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खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं है 'यूपी का झांसी'

Trip To Jhansi: भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित जिला झांसी में आज भी आपको बीते काल की विरासत देखने को मिल जाएगी. इतिहास के पुराने पन्नों को आज भी यह शहर अपने अंदर समेटे हुए हैं. यहां भी खूबसूरती अन्य शहरों से एकदम अलग है. झांसी की रानी वाला यह शहर अभी भी देश के लिए दिए गए बलिदानों का साक्षी है. अगर आप भारत को जानने में रुचि रखते हैं तो आपको झांसी जरूर आना चाहिए. 

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Trip To Jhansi:  झांसी की रानी का बलिदान पूरे देश को आज भी याद है. झांसी शहर आज भी बीते समय का गवाह है. यूपी के इस शहर में आज भी आपको अंग्रेजों के जमाने की कई इमारतें और भवन देखने को मिल जाएंगे. बेतवा नदी के तट पर मौजूद यह शहर आज भी अपनी खूबसूरत विरासत के लिए मशहूर है. 

इस शहर की वास्तुकला अभी भी इतिहास प्रेमियों को काफी भाती है. इस शहर की रानी की वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं. यह भारतीय इतिहास के सबसे समृद्ध शहरों में से एक है. अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आपको एक बार उत्तर प्रदेश के शहर झांसी जरूर आना चाहिए और इन जगहों का दीदार करना चाहिए. 

झांसी फोर्ट 

झांसी का किला हमारे देश की वो धरोहर है, जो देश प्रति किए गए बलिदान का साक्षी है. इसका निर्मा 17वीं सदी में राजा बीर सिंह के द्वारा कराया गया था. 1857 की क्रांति में इस किले का एक हिस्सा नष्ट हो गया था. इस किले के अंदर भगवान गणेश का मंदिर भी है. इसमें एक म्यूजियम भी है. 

रानी महल

झांसी में रानी का महल, रानी लक्ष्मी बाई का पूर्व महल है. 18वीं शताब्दी में बनाया गया यह महल काफी खूबसूरत है. हालांकि विद्रोह में दौरान इसका एक हिस्सा नष्ट हो गया था. रानी महल की वास्तुकला आपका मन मोह लेगी. यहां आप भारत के इतिहास, शासकों, उनकी परंपरा को देख सकते हैं. 

झांसी म्यूजियम

झांसी का सरकारी संग्राहलय देश के सबसे पुराने संग्राहलयों में से एक है. झांसी घूमने आने वाले पर्यटकों को इस जगह पर जरूर जाना चाहिए. यहां पर आप संग्राहलय की कलाकृतियों के साथ ही इतिहास की पुरानी चीजों का भी दीदार कर सकते हैं. 

ओरछा 

झांसी के पास में ही ओरछा है. यहां पर प्रभु श्रीराम राजा रूप में विराजमान रहते हैं. यहां पर प्रभु श्रीराम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. यहां पर आप राजा राम मंदिर के अलावा ओरछा किला भी घूम सकते हैं. 

बरुआ सागर

यह 260 साल पुरानी झील है. यह क्षेत्र शहर की ऐतिहासिक लड़ाइयों का गवाह रहा है. इसमें पेशवा के सैनिकों और बुंदेलों के बीच लड़ी गई लड़ाई का भी अतीत शामिल है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.