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Valentine Special: विदेशी नर्स को दिल दे बैठे थे महाराजा, शादी के लिए दिए 50 हजार, मन भर गया तो छोड़ दिया

Valentine Special: वैलेंटाइन सप्ताह में हम आपके लिए भारत के ऐसे महाराजा की कहानी लाए हैं जो एक विदेशी नर्स पर फिदा हो गए थे. उनकी दो बीवियां थी फिर भी वो विदेशी नर्स से शादी करना चाहते थे.

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Gyanendra Tiwari
Maharaja Ranbir Singh fallen in love with a foreign nurse

Valentine Special: आपने कई राजा-महाराजओं की प्रेम कहानियां जरूर सुनीं होंगी. लेकिन आज हम आपको भारत के एक ऐसे महाराजा की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक विदेशी नर्स पर फिदा हो गए थे. शादी करने के लिए उन्होंने नर्स की मां को उस जमाने में 50 हजार रुपये दिए थे. और कुछ दशकों बाद जब राजा और नर्स के एक दूसरे से ऊब गए तो अलग भी हो गए. आइए इस दिलचस्प कहानी को वैलेंटाइन वीक में जानते हैं.

बेल्जियम की नर्स पर आया महाराजा का दिल

हम जिस महाराजा के प्रेम कहानी की बात कर रहे हैं उनका नाम था महाराजा रणबीर सिंह. उन्हें बेल्जियम की रहने वाली ओलिव नाम की एक नर्स से बेपनाह इश्क हो गया था. राजा की पहले से ही दो बीवियां थी फिर भी उनका दिल ओलिव पर आ गया. ओलिव, बेल्जियम से भारत आकर मुंबई के अस्पताल में नर्स का काम करती थी.  दोनों की पहली मुलाकात मसूर में हुई थी. धीरे-धीरे महाराजा और ओलिव का मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया. समय ऐसा आ गया कि महाराजा, ओलिव के बिना नहीं रह सकते थे. अब वो ओलिव को अपनी महारानी बनाना चाहते थे. जिंद के महाराजा की मोहब्बत के रास्ते में कई अड़चन थी.

महारानी बनाना चाहते थे

महाराजा रणबीर सिंह का सपना था कि वो किसी विदेशी महिला को अपनी महारानी बनाना चाह रहे थे. इसलिए वो ओलिव से और भी ज्यादा प्यार करने लगे थे. जब बात शादी की आई तो ओलिव की मां लिज्जी सहमत नहीं थी. वो नहीं चाहती थी उनकी बेटी की शादी महाराजा रणबीर सिंह से हो. क्योंकि महाराजा सिख धर्म से थे और ओलिव क्रिश्चन धर्म से थीं.

शादी के लिए दे दिए 50 हजार

ओलिव ने महाराजा से साफ कह दिया था कि वो अपनी मां के खिलाफ जाकर शादी नहीं करेंगी. महाराजा ने जब उनकी ओलिव की मां से बात की तो उन्होंने शादी के लिए पैसों की मांग कर ली. महाराजा, ओलिव की मोहब्बत में इतने दीवाने थे कि उन्होंने ओलिव की मां को उस जमाने में 50 हजार रुपये दे दिए थे.

वायसराय लार्ड कर्जन नहीं थे खुश

मां की समस्या खत्म हुई तो भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड कर्जन बीच में आ गए. वो नहीं चाहते थे  कि महाराजा और ओलिव की शादी हो. लेकिन महाराजा ने कर्जन से बोल दिया था कि ये उनका निजी मामला है इसलिए इस पर दखल न दें तो बेहतर होगा.

ओलिव ने बदला धर्म और नाम

इसके बाद महाराजा रणबीर सिंह और ओलिव की शादी प्राइवेट तरीके से की गई. ओलिव को अपना धर्म और नाम भी बदलना पड़ा. ओलिव का नया नाम जसवंत कौर हो गया था.

लार्ड कर्जन ने बदल दिया नियम

लार्ड कर्जन, महाराजा से बहुत गुस्सा थे. इसलिए उन्होंने ऐसा नियम बनाया दिया कि महाराजा अपनी नई महारानी को किसी भी आधिकारिक समारोह में ओलिव को महारानी के रूप में नहीं ले जा सकते थे.

हो गया तलाक

शूर में तो ओलिव को कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन बाद में उन्हें इस बात से तकलीफ होने लगी जब उन्हें किसी समारोह में महाराजा साथ नहीं ले जाते थे. वहीं दूसरी ओर महाराजा रणबीर का भी ओलिव से मन भर गया था. दोनों के बीच ऐसी तकरार हुई कि 1928 में ओलिव ने महाराजा से तलाक ले लिया और लंदन चली गई. ओलिव को महाराजा से एक संतान भी थी. जिसे लेकर ओलिव लंदन चली गई थीं.   

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