Night Shift work Side Effects: नई रिसर्च में एक हैरान करने वाला सच सामने आया है. रात की शिफ्ट में काम करने वाले युवाओं को किडनी स्टोन का खतरा 15% ज्यादा रहता है. यह रिसर्च मेयो क्लिनिक कार्यवाही नाम की मशहूर मेडिकल जर्नल में छपी है. स्टडी में बताया गया कि शिफ्ट वर्क खासकर नाइट शिफ्ट करने वाले लोग और उनमें भी युवा व कम शारीरिक मेहनत वाले कर्मचारी दिन में काम करने वालों की तुलना में ज्यादा रिस्क पर हैं.
वजह है circadian rhythm यानी शरीर की जैविक घड़ी का बिगड़ना. जब नींद का पैटर्न और बॉडी का नैचुरल टाइमटेबल बार-बार डिस्टर्ब होता है, तो इसका असर मेटाबॉलिज्म, हार्मोन और लाइफस्टाइल पर पड़ता है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है.
इस स्टडी को चीन की Sun Yat-sen University के शोधकर्ताओं ने किया. इसमें 2.2 लाख से ज्यादा लोगों के हेल्थ डेटा का लगभग 14 साल तक विश्लेषण किया गया. रिसर्च में पाया गया कि शिफ्ट वर्कर्स में स्मोकिंग, कम नींद, पानी की कमी और बढ़ता BMI (वजन) – ये सभी किडनी स्टोन बनने के बड़े कारण हैं.
किडनी स्टोन यानी गुर्दे में पथरी, एक आम लेकिन गंभीर समस्या है. दुनियाभर में 1% से 13% लोग इससे प्रभावित होते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह दिल की बीमारी, क्रॉनिक किडनी डिजीज और यहां तक कि किडनी फेलियर तक का कारण बन सकता है.
मेयो क्लिनिक के डॉक्टर का कहना है, 'शिफ्ट वर्क से सबसे ज्यादा नुकसान रात में होता है, क्योंकि यह शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक को पूरी तरह बिगाड़ देता है. हमारे शरीर का हर सिस्टम इस घड़ी पर चलता है और जब यह गड़बड़ा जाती है तो हेल्थ रिस्क तेजी से बढ़ जाते हैं.'
यह रिसर्च साफ दिखाती है कि जिन लोगों की नौकरी नाइट शिफ्ट में है, उन्हें अपनी लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देने की जरूरत है जैसे पर्याप्त पानी पीना, सही डाइट लेना, एक्टिव रहना और स्मोकिंग जैसी आदतों से बचना.
मतलब साफ है अगर आप भी नाइट शिफ्ट करते हैं और हेल्थ को इग्नोर कर रहे हैं, तो यह रिसर्च आपके लिए चेतावनी है. समय रहते सावधान हो जाइए, वरना किडनी स्टोन जैसी दर्दनाक समस्या कभी भी दस्तक दे सकती है.