menu-icon
India Daily

करोड़ों की मालकिन हैं सुधा मूर्ति, लेकिन क्यों 30 साल से नहीं खरीदी एक भी साड़ी?

Sudha Murthy Saree: सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन के अलावा एक राइटर और philanthropist भी हैं. साल 2006 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. वह अपने मोटिवेशनल टिप्स के लिए सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. लेकिन इन दिनों सुधा मूर्ति अपनी साड़ी के कलेक्शन को लेकर चर्चा में हैं. दरअसल, उन्होंने 30 साल से एक भी साड़ी नहीं खरीदी है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Sudha Murthy Saree
Courtesy: Freepik

Sudha Murthy Saree: सुधा मूर्ति किसी पहचान की मोहताज नहीं है. इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन अपने मोटिवेशनल टिप्स की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं. सुधा मूर्ति ने न केवल बिजनेस वुमन के रूप में लोगों को इंस्पायर करती हैं बल्कि रिश्ते, पति-पत्नी और बच्चों से जुड़ा मामलों को लेकर भी शानदार टिप्स देती रहती हैं. इसके अलावा जीवन में बेसिक वैल्यू के बारे में जानकारी चाहिए तो सुधा मूर्ति से बेहतर कोई नहीं दे सकता है.

लेकिन सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) इन दिनों अपनी साड़ी को लेकर चर्चा में बनी हुई है. उनकी बारे में एक बात सामने आई है जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे. दरअसल, पिछले 30 साल से सुधा मूर्ति ने एक भी साड़ी नहीं खरीदी है. उनकी लगभग 700 करोड़ रुपये की नेटवर्थ बताई जाती है लेकिन फिर भी अपना जीवन सादगी से जीती है. इसका बड़ा उदाहरण उनका 30 साल से साड़ी खरीदना है. सुधा मूर्ति ने इसकी पीछे की वजह सनातम धर्म बताई. दरअसल उन्होंने अपने धर्म की मान्यता की वजह से यह फैसला लिया है.

क्यों नहीं खरीदी साड़ी? 

सुधा मूर्ति ने इंटरव्यू में बताते हुए कहा, "एक बार में काशी में पवित्र डुबकी के लिए गई थी. जब आप वहां जाते हैं तो आपको अपनी पसंद की चीज त्यागने होती है. इस वजह से मैंने शॉपिंग करना त्याग दिया खासतौर पर साड़ी करना त्याग दिया. अब मैं सिर्फ जरूरी सामान खरीदती हूं." वह बताती है कि उनकी पति भी नारायण मूर्ति में सादगी से भरे हुए हैं. वह दोनों अपने पैसे किताबों पर खर्च करना पसंद करते हैं. उनके पास लगभग 20,000 किताबों की लाइब्रेरी है.

पद्म श्री से नवाजा गया

एक रिपोर्ट के मुताबिक सुधा मूर्ति अपनी बहनों, करीबी दोस्तों और कभी-कभी NGO द्वारा गिफ्ट के तौर पर दी गई साड़ियां पहनती है. बता दें, सुधा मूर्ति एक राइटर, educationist, philanthropist हैं. साल 2006 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ उन्हें  2023 में  भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.