ओवरथिंकिंग कम करने के लिए जापानी आजमाते हैं ये फॉर्मूला, हफ्तेभर में खुद दिखेगा फर्क

भागदौड़ भरी जिंदगी में ओवरथिंकिंग एक आम समस्या बन चुकी है. जापान की कुछ पारंपरिक तकनीकें जैसे इचिगो इचिए, काइजेन, शिनरिन योकू और दानशारी दिमाग को हल्का करने और ओवरथिंकिंग कम करने में बेहद मददगार मानी जाती हैं.

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Babli Rautela

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सबके दिमाग में हजारों बातें एक साथ चलती रहती हैं. कई लोग छोटी छोटी बातों को लेकर इतना सोच लेते हैं कि उनका पूरा दिन उसी में उलझ जाता है. आने वाले कल की चिंता, किसी फैसले में दुविधा, पुराने अनुभवों को याद कर खुद को परेशान करना, यह सब ओवरथिंकिंग का हिस्सा है. धीरे धीरे यह आदत मानसिक दबाव, बेचैनी, नींद में कमी और कॉन्फिडेंस में गिरावट का कारण बन जाती है.

लेकिन अच्छी बात यह है कि दुनिया में ऐसे कई तरीके हैं जो ओवरथिंकिंग को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद कर सकते हैं. जापान में अपनाई जाने वाली कुछ पारंपरिक तकनीकें इस मामले में कमाल करती हैं. जानिए कौन से हैं वे तरीके और कैसे ये आपका जीवन आसान बना सकते हैं.

इचिगो-इचिए 

जापानी दर्शन इचिगो इचिए का मतलब है, हर मुलाकात हर अनुभव और हर पल जीवन में सिर्फ एक बार आता है. इस विचार में सिखाया जाता है कि जहां हों, वहां पूरी तरह मौजूद रहें. किसी से बात कर रहे हैं तो सिर्फ सुनने और जुड़ने पर ध्यान दें. चाय या कॉफी पी रहे हैं तो फोन दूर रखें और स्वाद का अनुभव करें. रोज सिर्फ दस मिनट का समय निकालें और उसमें अपने आसपास की हर चीज को महसूस करें. इस आदत से दिमाग भटकना कम होता है और ओवरथिंकिंग में राहत मिलती है.

काइजेन-छोटे कदम उठाओ 

काइजेन जापान की बेहद लोकप्रिय तकनीक है. इसका मतलब है बड़े बदलावों की बजाय छोटे छोटे कदम उठाना. अगर एक घंटे पढ़ाई संभव नहीं है तो रोज दस मिनट पढ़ें. पूरा घर साफ करने की जरूरत नहीं, बस एक टेबल से शुरुआत करें. एक बड़ा प्लान बनाने की बजाय छोटी और आसान आदतें जोड़ें. धीरे धीरे ये छोटी कोशिशें मिलकर बड़ा बदलाव लाती हैं और दिमाग पर बोझ भी नहीं बढ़ता.

शिनरिन योकू नेचर में टहलना ही थैरेपी है

जापान में फॉरेस्ट बाथिंग यानी शिनरिन योकू बेहद लोकप्रिय है. माना जाता है कि नेचर में रहने से दिमाग तुरंत शांत होने लगता है. हर दिन पंद्रह से बीस मिनट किसी पार्क या हरियाली वाली जगह में टहलें. फोन घर पर छोड़ दें और सिर्फ नेचर को महसूस करें. पेड़ों के रंग, हवा की आवाज और आसपास की खुशबुओं को नोटिस करें. नेचर की यह थेरेपी दिमाग को हल्का करती है और ओवरथिंकिंग को कम करती है.

दानशारी अनावश्यक चीजें हटाएं

दानशारी का मतलब है जितनी अधिक चीजें दिमाग और घर में होंगी, दिमाग उतना ही उलझेगा. कमरे का सिर्फ एक कोना साफ करें और फालतू सामान हटा दें. एक साल से इस्तेमाल न हुई चीजें दान कर दें. डिजिटल क्लटर भी कम करें, फालतू फाइलें, फोटो और ऐप्स हटाएं. साफ सुथरा माहौल दिमाग में भी साफ जगह बनाता है जिससे ओवरथिंकिंग कम होती है. इन जापानी तरीकों को अपनाने से क्या होगा बदलाव

ये तरीके आपके दिमाग को वर्तमान में रहने की कला सिखाते हैं. हर रोज छोटे छोटे कदम लेने की आदत मानसिक भार हल्का करती है. नेचर के साथ समय बिताना शरीर और मन दोनों को शांत करता है. अनावश्यक चीजें हटाने से दिमाग एकदम हल्का महसूस करता है.