हार्ट अटैक कभी भी और किसी को भी हो सकता है. ऐसे में शुरुआती कुछ मिनट बेहद निर्णायक होते हैं. सही समय पर उठाया गया एक कदम दिल को होने वाले नुकसान को कम कर सकता है और जान भी बचा सकता है.
फरिदाबाद स्थित मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स के कार्डियोलॉजी प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. गजिंदर कुमार गोयल ने बताया कि हार्ट अटैक के दौरान क्या करें, क्या न करें और प्राथमिक उपचार कैसे दें, यह जानना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है.
डॉ. गोयल के अनुसार हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना सबसे पहला और अहम कदम है. सीने में जकड़न या भारीपन, लगातार दर्द, जबड़े, कंधे, गर्दन, पीठ या हाथों में दर्द, ठंडा पसीना, सांस फूलना, चक्कर, उलटी या कमजोरी इसके प्रमुख संकेत हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण दिखते ही एक मिनट भी गंवाए बिना इमरजेंसी सेवा को कॉल करना चाहिए.
विशेषज्ञ बताते हैं कि हार्ट अटैक के बाद पहले 60 मिनट को ‘गोल्डन ऑवर’ कहा जाता है. इस दौरान इलाज मिल जाए तो दिल की मांसपेशियों को होने वाला नुकसान काफी हद तक रोका जा सकता है. जितनी देर इलाज में होगी, उतना अधिक नुकसान होगा. इसलिए नजदीकी ऐसे अस्पताल तक पहुंचना जरूरी है, जहां हार्ट अटैक की पूरी सुविधा मौजूद हो.
एम्बुलेंस के पहुंचने तक मरीज को शांत रखें और बैठी हुई स्थिति में रखें. उसकी सांस और नाड़ी पर नजर बनाए रखें. यदि डॉक्टर द्वारा दी गई कोई दवा हो तो उसे लेने में मदद करें. डॉ. गोयल बताते हैं कि एस्पिरिन से एलर्जी न हो तो एक गोली चबाकर देने से खून पतला होता है और नुकसान कम हो सकता है. तंग कपड़े ढीले कर दें.
अगर मरीज बेहोश हो जाए और सांस सामान्य न हो तो तुरंत हैंड्स-ओनली सीपीआर शुरू करें. छाती के बीचों-बीच हाथ रखकर तेज और मजबूत दबाव दें. प्रति मिनट 100 से 120 कंप्रेशन देने चाहिए. दबाव के बीच छाती को पूरी तरह ऊपर आने दें. यह प्रक्रिया तब तक जारी रखें जब तक मदद न आ जाए या मरीज की सांस सामान्य न हो जाए.
अगर किसी व्यक्ति को खुद हार्ट अटैक का शक हो, तो तुरंत इमरजेंसी कॉल करें. खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएं, क्योंकि इससे जोखिम बढ़ता है. डॉ. गोयल के अनुसार एस्पिरिन की गोली चबाना दिल की मांसपेशियों को बचाने में मदद कर सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है और सही समय पर सही कदम ही जीवन बचा सकता है.
नोट: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है.