आजकल लोग हेल्थ और डाइट सप्लीमेंट्स के प्रति ज्यादा सजग हो गए हैं. इंटरनेट पर अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या विटामिन B12 को रोजाना लेना सुरक्षित है? खासकर शाकाहारी और वीगन लोगों में यह सवाल ज्यादा चर्चा में रहता है, क्योंकि यह विटामिन मुख्य रूप से नॉनवेज स्रोतों से मिलता है. इसी पर विशेषज्ञों का कहना है कि B12 रोजाना लिया जा सकता है, लेकिन इसकी जरूरत हर किसी को नहीं होती.
विटामिन B12 तंत्रिका तंत्र को दुरुस्त रखने, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और दिमागी कार्यों को सपोर्ट करने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी कमी से थकान, कमजोरी, मूड में बदलाव और याददाश्त संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. डॉक्टरों का मानना है कि शाकाहारी और वीगन लोगों के लिए इसका महत्व और भी ज्यादा है, क्योंकि उनके भोजन में यह विटामिन स्वाभाविक रूप से मौजूद नहीं होता.
Vitamin B12: हर किसी को B12 सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं है. मछली, अंडा, चिकन या डेयरी प्रोडक्ट्स खाने वाले लोग आमतौर पर इसकी पर्याप्त मात्रा पा लेते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इसकी कमी का जोखिम ज्यादा रहता है, जैसे शाकाहारी, बुजुर्ग, पाचन संबंधी समस्या वाले मरीज और लंबे समय से मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं लेने वाले लोग. इन लोगों के लिए डॉक्टर जांच कराने के बाद सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं.
डॉक्टरों के अनुसार, विटामिन B12 का टॉक्सिसिटी यानी हानिकारक असर बहुत कम होता है क्योंकि शरीर इसकी अतिरिक्त मात्रा को बाहर निकाल देता है. हालांकि, बहुत अधिक डोज लेने से कभी-कभी मुंहासे जैसे दाने, चक्कर आना या पेट संबंधी असुविधा हो सकती है. खासकर किडनी रोगियों को बिना डॉक्टर की सलाह के इसे लेना खतरनाक साबित हो सकता है.
अगर आपको लगातार थकान, सुन्नपन या बैलेंस की समस्या महसूस होती है, तो पहले अपनी जांच करवाएं. यदि कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर टैबलेट या इंजेक्शन के रूप में सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं. स्वस्थ व्यक्तियों के लिए संतुलित आहार ही पर्याप्त होता है. सबसे अहम बात यह है कि सप्लीमेंट कभी भी संतुलित डाइट का विकल्प नहीं होना चाहिए.