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India Daily

कैंसर होने के खतरे के चलते अमेरिका ने खाद्य पदार्थों में लाल रंग के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध

America banned use of red color in food items due to risk of cancer: लाल रंग नंबर 3 का उपयोग बच्चों के लिए विशेष रूप से चिंता का कारण है, क्योंकि यह रंग उन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जो बच्चों के लिए तैयार किए जाते हैं. इसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर उपभोक्ताओं और विशेषज्ञों द्वारा लंबे समय से चिंता जताई जा रही थी. कैलिफोर्निया जैसे राज्यों ने पिछले साल इस रंग को खाद्य उत्पादों से हटा दिया था, और अब अमेरिका में यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
America banned use of red dye in food items due to risk of cancer
Courtesy: Social Media

अमेरिका में अब खाद्य पदार्थों में लाल रंग नंबर 3 (Red Dye No. 3) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह रंग कई सालों से विवादों में था क्योंकि यह कैंसर का कारण बन सकता है, जैसा कि जानवरों पर किए गए परीक्षणों से साबित हुआ था. यह कदम उस समय उठाया गया है जब इस रंग को लेकर वैज्ञानिकों ने इसके संभावित स्वास्थ्य खतरों की चेतावनी दी थी, और यह प्रतिबंध 1990 में कॉस्मेटिक्स में इसके उपयोग पर लगाए गए बैन के तीन दशकों बाद आया है.

FDA द्वारा प्रतिबंध का फैसला

अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने बुधवार को घोषणा की कि वह अब खाद्य पदार्थों और निगली जाने वाली दवाइयों में लाल रंग नंबर 3 के उपयोग की अनुमति को रद्द कर देगा. FDA के उप आयुक्त जिम जोन्स ने कहा, "इस रंग के उपयोग को अब समाप्त किया जा रहा है, क्योंकि इससे चूहों में कैंसर जैसे प्रभाव देखने को मिले हैं. हालांकि, इस रंग का कैंसरकारी प्रभाव मनुष्यों में नहीं पाया गया है."

1990 से कॉस्मेटिक उत्पादों में प्रतिबंध

लाल रंग नंबर 3 को 1990 में कॉस्मेटिक उत्पादों में उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. उस समय यह साबित हुआ था कि यह रंग जानवरों पर कैंसर उत्पन्न करने का कारण बन सकता है. इस प्रतिबंध को लागू करते हुए अमेरिका ने 1960 में पारित डेलानी क्लॉज का पालन किया, जो कहता है कि किसी भी रंग या एडिटिव को सुरक्षित नहीं माना जा सकता यदि वह कैंसर का कारण बने.

यूरोपीय संघ की सख्त नीतियां

यूरोपीय देशों में पहले से ही खाद्य उत्पादों में इस रंग के उपयोग को लेकर सख्त नियम हैं. कुछ देशों में इस रंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, जबकि अन्य देशों में इसे उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी लेबल के साथ बेचा जाता है. यूरोपीय संघ में खाद्य सुरक्षा के मानक काफी सख्त हैं, और यहां उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है.

वैज्ञानिकों और उद्योग का दृष्टिकोण

कुछ वैज्ञानिक संगठन और उद्योग इस रंग के उपयोग को सुरक्षित मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय रंग निर्माता संघ (IACM) का कहना है कि यह रंग सामान्य उपभोग के स्तर पर मानवों के लिए हानिकारक नहीं है. उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए शोधों के मुताबिक यह रंग सुरक्षित है. हालांकि, कुछ खाद्य निर्माता पहले ही अपने उत्पादों से इस रंग को हटा चुके हैं.