IAS-IPS Officers: UPSC एग्जाम भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल, हजारों उम्मीदवार कई सालों की तैयारी के बाद परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन उनमें से कुछ ही इसे पास कर पाते हैं और सरकारी ऑफिसर बन पाते हैं. क्योंकि CSE का सिलेबस इतना बड़ा और लंबा है कि इसके तैयारी के लिए बहुत समय की जरूरत होती है. आमतौर पर यह माना जाता है कि जो लोग शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे रहे हैं वे CSE में बेहतर परफॉर्म करते हैं.
ऐसे कई IAS और IPS हैं जो IIT और IIM जैसे इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है. इसके अलावा कई IAS और IPS ऑफिसर ने बताया कि कड़ी मेहनत सपनों को हासिल करने में मदद कर सकते है. तो, आइए कुछ ऐसे IAS और IPS अधिकारियों पर नजर डालें जो स्कूल में पढ़ाई के दौरान असफल रहे लेकिन UPSC CSE पास कर गए.
अंजू शर्मा 1991 में IAS ऑफिसर बनी और गुजरात कैडर का हिस्सा थीं. वह हमेशा एक ईमानदार छात्रा रही थी. लेकिन घबराहट और तनाव के कारण वह केमिस्ट्री में कक्षा 10 की प्री-बोर्ड परीक्षा में असफल हो गई. 12वीं कक्षा में उन्हें सभी विषयों पास हुई लेकिन इकोनॉमिक्स में फेल हो गई. इन नतीजों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और B.Sc और MBA गोल्ड मेडल के साथ पास करने के बाद 1991 में 22 साल की उम्र में IAS ऑफिसर बन गई.
IPS मनोज शर्मा की सक्सेस स्टोरी सभी कैंडिडेट को काफी मोटिवेट करती है. कक्षा 9 और कक्षा 10 में उन्हें थर्ड डिविजन मिला था. अपनी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में, वह हिंदी को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे. एक गरीब परिवार से आने के कारण, मनोज शर्मा टेम्पो चलाते थे, दिल्ली में एक पुस्तकालय में काम करते थे और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए फुटपाथ पर भी सोते थे. लेकिन उन्होंने अपने तीसरे अटेम्प्ट में 121 वीं रैंक के साथ IPS अधिकारी बन गए.
क्लास 6 में फेल होने के कारण रुक्मणि रियार का परिवार उनके बारे में चिंतित रहता था. असफलता के बाद, उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने का फैसला किया. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए उन्हें गोल्ड मेडल मिला था. इसके साथ नौकरी करते हुए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और 2011 में AIR 2 के साथ एग्जाम पास किया. बता दें, उनके पति सिद्धार्थ सिहाग भी एक IAS अधिकारी हैं.