Satellite: आपने सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग जरूर देखी होगी. दुनिया की कई बड़ी स्पेस एजेंसियां समय-समय पर सैटेलाइट लॉन्च करती रहती हैं. अंतरिक्ष में जाकर अपने कक्षा में स्थापित होने के बाद सैटेलाइट एक निर्धारित समय तक काम करती है. जब उनकी अवधि पूरी हो जाती है. ईंधन खत्म हो जाता है तो ये काम करना बंद कर देतीं हैं. जैसे ही सैटेलाइट्स काम करना बंद कर देती हैं वो एक तरह से कूड़े के समान हो जाती है. इसके बाद इन सैटेलाइट्स का कोई काम नहीं रहता है. इन्हें वापस धरती पर भी नहीं लाया जाता. आखिर उन सैटेलाइट्स का किया क्या जाता है.? आइए इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं. नासा ने कुछ ऐसे ही दिलचस्प सवालों के जवाब दिए हैं.
दो तरीकों से सैटेलाइट्स को किया जाता है नष्ट
अलग-अलग काम के लिए जैसे मौसम की जानकारी के लिए, लोकेशन के लिए आदि प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए सैटेलाइट भेजी जाती हैं. नासा ने बताया कि इनका काम खत्म होने पर इन्हें दो तरीकों से नष्ट किया जाता है.
नासा की मानें तो जिन सैटेलाइट में थोड़ा बहुत ईंधन बचा होता है. उन्हें पृथ्वी की ओर लाते हैं और जब ये सैटेलाइट पृथ्वी की और आते हैं इनकी स्पीड इतनी तेज कर दी जाती है ताकि घर्षण के कारण सैटेलाइट जलकर खत्म हो जाए.
इस तरह भी किया जाता है नष्ट
नासा ने बताया कि दूसरी ओर जिन सैटेलाइट में ईंधन नहीं बचा होता. कोशिश की जाती है ऐसी सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा से बाहर कर दिया जाए. इसलिए ऐसे सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा से दर कर दिया जाता है. पृथ्वी की कक्षा से दूर करके सैटेलाइट्स को विस्फोट कर दिया जाता है. क्योंकि जिन सैटेलाइट्स में ईंधन कम होता है उन्हें पृथ्वी की ओर लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.