बीते कई महीनों से इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ी हुई है. युद्ध का केंद्र अब गाजा बना हुआ है, जहां हजारों लोग मारे जा चुके हैं और जो जिंदा हैं, उन्हें अपने घर छोड़ने पड़ रहे हैं. इस जंग ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है. कुछ देश इजरायल के पक्ष में खड़ा तो दूसरे ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है. ऐसे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका का दौरा किया. जिस पर सबकी नजरे अटकी थी. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएस कांग्रेस में दिए भाषण में गाजा में इजरायल के चल रहे युद्ध का जोरदार बचाव किया. इसके बाद कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने उनके भाषण का बहिष्कार किया.
नेतन्याहू ने इस दौरान कहा कि इजरायल पूर्ण विजय के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने इस लड़ाई को अंत तक जारी रखने की कसम खाई है. बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग में अमेरिका की ओर से दी जा रही मदद को बढ़ाने को अनुरोध किया, उन्होंने कहा, 'अमेरिका और इजरायल को एक दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए, जब हम एक साथ खड़े होते हैं तब सचमुच कुछ बड़ा होता है. हम जीतते हैं, वे हारते हैं.
इस दौरान नेतन्याहू ने अपने देश का बचाव किया, साथ ही युद्ध का विरोध करने वालों का उपहास भी किया'. उन्होंने अमेरिका की राजधानी के निकट सड़कों पर रहे प्रदर्शनों की ओर इशारा करते हुए उन्हें इजरायल के विरोधियों को फायदा पहुंचाने वाला बताया.अपने संबोधन में नेतन्याहू ने अमेरिका-ईरान संबंधों के एतिहासिक संदर्भ का भी जिक्र किया. उन्होने ईरान के प्राक्सी नेटकर्व का वर्णन किया, जिसमें हौथिस, हिज्बुल्लाह और हमास शामिल है.
नेतन्याहू ने कहा, 'जब हम ईरान से लड़ते हैं तो हम संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे कट्टरपंथी और जानलेवा दुश्मन से लड़ रहे होते हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी लड़ाई आपकी लड़ाई है, हमारे दुश्मन आपके दुश्मन हैं और हमारी जीत आपकी जीत होगी. आगे उन्होंने कहा, जिस दिन इजरायल हमास को हरा देगा उस दिन गाजा में एक नई शुरुआत होगी'. उन्होंने कहा कि जीत के बाद भी वे कुछ समय तक गाजा पर कंट्रोल रखेंगे ताकि ये जमीन फिर इजराइल के लिए खतरा न बने, नेतन्याहू ने कहा कि जंग खत्म होने के बाद गाजा में जिनकी भी सरकार होगी वे फिर कभी इजरायल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेंगे. उनकी बस इतनी सी मांग है, नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का गाजा को हासिल करने का कोई इरादा नहीं है.
नेतन्याहू के इस संबोधन के दौरान कई सांसदों ने तालियां बजाई लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख सांसदों ने ऐसा नहीं किया. डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 से अधिक सांसदों और निर्दलीय सांसद बर्नी सैंडर्स ने नेतन्याहू के संबोधन का बहिष्कार किया. इस दौरान सबकी नजरें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की अनुपस्थिति पर थी, जो संसद के उच्च सदन सीनेट की सभापति हैं. खबर है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण वह सदन में उपस्थित नहीं हुई.