China News: चीन में सरकार का सर्वोच्च अंग नेशनल पीपुल्स कांग्रेस इस हफ्ते देश की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. वर्तमान में, चीन में रिटायरमेंट की उम्र विश्व की सबसे कम है. यह प्रस्ताव शुक्रवार तक मंजूर हो सकता है और यदि ऐसा होता है, तो यह 40 वर्षों में पहला बड़ा बदलाव होगा. यह प्रस्ताव चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तीसरी पूर्ण बैठक के दौरान अपनाए गए प्रस्तावों का हिस्सा है. जुलाई में सीपीसी केंद्रीय समिति ने कहा था कि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव तीसरी पूर्ण बैठक के दौरान अपनाए गए प्रस्तावों का एक भाग है.
चीन के अंदर पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष है. फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 50 वर्ष है. वहीं व्हाइट कॉलर नौकरियों में काम करने वाली महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 55 साल है.
पेंशन बजट पर दबाव: चीन में पेंशन बजट में कमी आ रही है और यह समस्या गंभीर होती जा रही है. वर्तमान में, देश की 31 प्रांतों में से 11 पहले से ही उच्च घाटे का सामना कर रहे हैं. प्रस्तावित बदलाव से वृद्ध कर्मियों को लंबे समय तक काम पर बनाए रखा जा सकेगा और पेंशन की अदायगी कम किया जा सकेगा. यदि ऐसा नहीं किया गया तो चीनी अकादमी ऑफ साइंसेस का अनुमान है कि 2035 तक पेंशन सेवा समाप्त हो सकती है.
कामकाजी आबादी पर बढ़ता बोझ: पेंशन बजट में कमी का असर कामकाजी आबादी पर भी पड़ रहा है. अब प्रत्येक चीनी रिटायर कर्मचारी को पांच कर्मियों की योगदान से सहारा मिलता है जो कि एक दशक पहले की तुलना में आधा है.
जीवन प्रत्याशा और जनसंख्या: चीन की जीवन की लंबाई 2023 में 78.6 वर्ष तक बढ़ गई है . यह साल 2035 तक 60 वर्ष और उससे ऊपर की जनसंख्या 280 मिलियन से बढ़कर 400 मिलियन तक पहुंच सकती है.
यह प्रस्ताव चीन के लिए संवेदनशील समय पर आया है. चीन इस समय आर्थिक सुस्ती, गिरते निवेश और संपत्ति की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ युवाओं में बेरोजगारी की दर 21.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है. सरकार अधिकांश नागरिकों के लिए रोजगार संकट का समाधान प्राथमिकता से करना चाहती है. इसके अलावा प्रस्ताव में विभिन्न वर्गों के बीच असमानताओं को उजागर किया गया है. ब्लू-कॉलर प्रवासी श्रमिकों ने प्रस्तावित नीति से और अधिक शोषण की आशंका व्यक्त की है. उनका कहना है कि वह पहले से ही 15 वर्षों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भुगतान करने वाली नौकरी खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने की शर्त है. उन्हें नौकरी की सुरक्षा के बिना सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.