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कौन हैं नवीद और साजिद अकरम? सिडनी के बोंडी बीच शूटिंग में संदिग्धों के तौर पर हुई पिता-बेटे की पहचान

सिडनी के बोंडी बीच पर हुई गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हुई है. पिता - पुत्र नवीद और साजिद अकरम को हमले का जिम्मेदार बताया गया है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
Naveed Akram and Sajid Akram India daily
Courtesy: @Dua_1111 X account

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर हुई भीषण गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है. इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. पुलिस ने इस हमले को आतंकवादी घटना मानते हुए जांच तेज कर दी है. हमले के पीछे पिता - पुत्र की जोड़ी का नाम सामने आया है, जिनकी पहचान नवीद अकरम और साजिद अकरम के रूप में हुई है.

पुलिस के अनुसार 24 साल के नवीद अकरम को घटनास्थल से हिरासत में लिया गया. उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह पुलिस निगरानी में है. उसका पिता 50 साल का साजिद अकरम, जो एक फल की दुकान चलाता था, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारा गया. जांच में सामने आया है कि दोनों ने परिवार से कहा था कि वे जर्विस बे में मछली पकड़ने जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद उन्होंने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया.

कब हुआ हमला?

यह हमला रविवार को उस समय हुआ, जब दोनों आरोपियों ने कैंपबेल परेड के पास एक पैदल पुल से फायरिंग शुरू कर दी. उस वक्त वहां स्थानीय लोग, पर्यटक और चानूका बाय द सी फेस्टिवल में शामिल लोग मौजूद थे. अचानक हुई गोलीबारी से बीच पर अफरा तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे.

अहमद कैसे बचाई लोगों की जान?

इस हमले के दौरान अहमद नाम के एक आम नागरिक ने बहादुरी दिखाते हुए एक हमलावर को काबू में किया. उसने कार के पीछे छिपकर हमलावर पर झपट्टा मारा और उसका हथियार छीन लिया. उसकी इस हिम्मत से कई लोगों की जान बच गई. बाद में पुलिस ने दूसरे हमलावर साजिद अकरम को मौके पर ही ढेर कर दिया.

जांच में क्या आया सामने?

पुलिस यह जांच कर रही है कि आरोपियों को इतने ताकतवर हथियार कैसे मिले. हमलावरों की गाड़ी से आईईडी जैसे विस्फोटक उपकरण भी बरामद किए गए हैं. इसके अलावा सिडनी के कई इलाकों में छापेमारी की गई है, जिसमें नवीद अकरम के बोनिरिग स्थित घर की तलाशी भी शामिल है.

पीएम एंथनी अल्बनीज ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इसे यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत से भरा अपराध बताया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. सरकार ने पीड़ित परिवारों के साथ खड़े रहने और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है.