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क्या है ब्लू कॉर्नर नोटिस जो 2800 सेक्स टेप के आरोपी रेवन्ना की कराएगा भारत वापसी, जानें इससे जुड़ा सबकुछ

Revanna sex scandal: 'ब्लू कॉर्नर' इंटरपोल नोटिस 'रेड कॉर्नर' नोटिस से किस प्रकार भिन्न है? प्रज्वल रेवन्ना यौन उत्पीड़न मामले में एसआईटी जांच का क्या मतलब है?

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Prajwal Rewanna

Revanna sex scandal: पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर सैकड़ों महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण करने का आरोप लगने के बाद से ही वो लगातार देश से बाहर चल रहे हैं. जहां इस मुद्दे पर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार को उनका सच पता था और यही वजह है कि उन्हें देश से भागने की इ्जाजत दी गई तो वहीं पर विदेश मंत्रालय ने इसका कारण राजनायिक पासपोर्ट होना बताया है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार रेवन्ना के पास राजनायिक पासपोर्थ था जिसके चलते उन्हें वीजा या ट्रैवल संबंधित दूसरी किसी तरह की औपचारिकता की जरूरत नहीं पड़ी. इस बीच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने जांच तेज कर दी है और उनको लेकर ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की है. ऐसे में नया सवाल है कि ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या है और क्या इससे 2800 सेक्सटेप के आरोपी रेवन्ना की भारत वापसी हो पाएगी.

आखिर कैसे काम करता है इंटरपोल?

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन, जिसे आमतौर पर इंटरपोल के नाम से जाना जाता है, एक अंतर-सरकारी कानून प्रवर्तन संगठन है जो अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए 196 सदस्य देशों में राष्ट्रीय कानून बलों के बीच सहयोग में सहायता और सुविधा प्रदान करता है. संगठन वैश्विक स्तर पर अपराधों और वॉन्टेड अपराधियों के बारे में जानकारी साझा करता है, और भगोड़ों का पता लगाने के लिए तकनीकी, परिचालन और जांच सहायता प्रदान करता है. 

यह मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों के बारे में महत्वपूर्ण डेटा का एक डेटाबेस तैयार करता है, जिसका उपयोग मेंबर देश ऐसे व्यक्तियों का पता लगाने के लिए कर सकते हैं. एजेंसी के सभी सदस्य देशों में एक CBI (राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो) भी है, जो उस देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों और इंटरपोल के बीच संपर्क का एक कॉमन प्वाइंट है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आधिकारिक तौर पर भारत के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है.

कितने तरह के नोटिस जारी कर सकता है इंटरपोल

एजेंसी सदस्य देशों और संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (प्रतिबंधों, नरसंहार, युद्ध अपराधों से संबंधित) जैसे वैश्विक संगठनों के बीच अपराध से संबंधित जानकारी के अनुरोधों को सचेत करने और साझा करने के लिए 'कलर कोडेट' प्रोसेस का उपयोग करती है.  

मौजूदा समय में इंटरपोल की नोटिस प्रणाली में आठ प्रकार के नोटिस हैं. इसमे सबसे आम, 'रेड' नोटिस है जिसका उपयोग सदस्य देशों को अभियोजन या गंभीर मामलों में सजा देने के लिए वॉन्टेड व्यक्ति के स्थान और गिरफ्तारी के बारे में सचेत करने के लिए किया जाता है. येलो कॉर्नर नोटिस किसी लापता व्यक्ति के लिए वैश्विक अलर्ट हैं. ऐसे नोटिस अक्सर माता-पिता के अपहरण, रहस्यमयी तरीके से गायब होने वाले के पीड़ितों के लिए जारी किए जाते हैं.

क्या होता है ब्लैक और ग्रीन नोटिस

अज्ञात शवों के बारे में जानकारी मांगने पर 'ब्लैक' नोटिस जारी किया जाता है. एजेंसी 'ग्रीन' नोटिस के माध्यम से सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरे के बारे में चेतावनी दे सकती है. यदि कोई व्यक्ति, कोई वस्तु या घटना सुरक्षा के लिए गंभीर और बड़े स्तर पर खतरा पैदा करती है, तो 'ऑरेंज' नोटिस का उपयोग किया जाता है. अपराधियों की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली स्मगलिंग और छिपने के तरीकों के बारे में जानकारी मांगने या प्रदान करने के लिए, इंटरपोल 'पर्पल' नोटिस जारी करता है. 'इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस' उन संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए जारी किया जाता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समितियों के निशाने पर हैं.

रेवन्ना के खिलाफ क्यों जारी हो सकता है ब्लू कॉर्नर नोटिस?

जब मामला लापता व्यक्तियों से संबंधित हो तो अंतरराष्ट्रीय संगठन 'ब्लू कॉर्नर' नोटिस जारी करता है. इसे "पूछताछ नोटिस" भी कहा जाता है, ऐसा अलर्ट मेंबर नेशन्स से किसी व्यक्ति के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए भेजा जाता है, ताकि किसी आपराधिक जांच के संबंध में उनकी पहचान, स्थान या आपराधिक रिकॉर्ड को सत्यापित किया जा सके.

यह रेड कॉर्नर नोटिस से अलग है, यह देखते हुए कि 'ब्लू' नोटिस का उद्देश्य जांच में रुचि रखने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी है, जबकि रेड कॉर्नर नोटिस आम तौर पर प्रत्यर्पण के लिए वॉन्टेड व्यक्ति के खिलाफ जारी किया जाता है, या इसके आधार पर सजा दी जाती है. अदालत का फैसला, या इसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई.

उदाहरण के लिए साल 2020 में, इंटरपोल ने स्वयंभू बाबा नित्यानंद के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसमें उन पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद उनके स्थान के बारे में जानकारी मांगी गई थी. जहां तक श्री रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले का सवाल है, कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एसआईटी द्वारा आगे की पूछताछ के लिए सीबीआई की मदद मांगने के बाद इंटरपोल ने हसन सांसद के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है. 

करीब 2800 महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का है आरोप

एसआईटी ने सबसे पहले रेवन्ना के खिलाफ कथित तौर पर 2800 महिलाओं के सेक्स टेप में उनके साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया था लेकिन जब वो पैनल के सामने पेश होने में नाकाम रहे तो उसने लुक-आउट सर्कुलर जारी किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, हासन सांसद लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण (26 अप्रैल) में अपने निर्वाचन क्षेत्र का मतदान पूरा होने के एक दिन बाद और एसआईटी गठित होने से कुछ घंटे पहले अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके म्यूनिख, जर्मनी के लिए रवाना हो गए हैं. 

प्रज्वल रेवन्ना के वकील ने अपने मुवक्किल को पैनल के सामने पेश होने के लिए सात दिन का समय मांगा था. हालांकि, जांच दल ने इस संभावना से इंकार कर दिया और रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर अलर्ट जारी कर दिया, यह देखते हुए कि जांच शुरुआती दौर में है और पुलिस ने अभी तक आपराधिक आरोप दर्ज नहीं किया है. 

पूरे मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है?

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान वाले दिन हासन सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में रेवन्ना से जुड़े कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें वो अपने घर और दफ्तर में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते नजर आ रहे हैं. जैसे ही मामला सामने आया तो पहले वीडियो को फेक बताया गया लेकिन बाद में रेवन्ना पर कार्रवाई करते हुए जनता दल (सेक्युलर) ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया.

वह हासन के मौजूदा सांसद हैं और दोबारा अपनी सीट को बचाने के लिए खड़े हैं. जहां कर्नाटक पुलिस ने रेवन्ना पर बलात्कार, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोप में शिकायत दर्ज की है तो वहीं पर उनके पिता एच डी रेवन्ना को भी यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.