Netanyahu Druze Support: सीरिया के दक्षिणी शहर स्वेदा में जारी हिंसा ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब इजरायल ने सीरिया की सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर भीषण हवाई हमले किए. इजरायली सरकार का दावा है कि ये कार्रवाई ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए की गई है. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब ड्रूज मिलिशिया और सीरियाई सेना के बीच झड़पें तेज हो गई थीं.
ड्रूज समुदाय एक अरब अल्पसंख्यक धार्मिक समूह है जिसकी उत्पत्ति 10वीं सदी में हुई थी. यह इस्लाम के इस्माइली शिया संप्रदाय की एक शाखा माने जाते हैं. इस समुदाय की संख्या लगभग 10 लाख मानी जाती है और ये मुख्यतः सीरिया, लेबनान और इजरायल में बसे हुए हैं. सीरिया में ड्रूज समुदाय दक्षिणी प्रांत स्वेदा और गोलान हाइट्स क्षेत्र के आस-पास के इलाकों में केंद्रित है. इनका सीरियाई सरकारों से लंबे समय से टकराव रहा है.
सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति अहमद अल शरा के शासन में ड्रूज समुदाय और सरकार के बीच संबंध और बिगड़ गए हैं. मुख्य विवाद का कारण ड्रूज मिलिशिया का निरस्त्रीकरण है, जिस पर दोनों पक्षों में कोई सहमति नहीं बन पा रही है।
बीते कुछ दिनों से स्वेदा में सरकार समर्थकों और ड्रूज लड़ाकों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई थी. जैसे-जैसे हालात बिगड़े, सीरियाई सेना ने हस्तक्षेप किया और इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. जिसके बाद इजरायल ने सीरियाई सेना, रक्षा मंत्रालय और दमिश्क स्थित राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाकर भीषण बमबारी की.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन हमलों को ड्रूज समुदाय के साथ "ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंध" से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि जब तक सीरियाई सेना स्वेदा से पीछे नहीं हटती, तब तक हमले जारी रहेंगे. अब तक इजरायल सीरिया में 150 से ज्यादा हमले कर चुका है. सीरिया में हवाई हमलों के बाद ड्रूज लड़ाकों और सेना के बीच एक अस्थायी युद्धविराम यानी सीजफायर की स्थिति बनी है, लेकिन तनाव अभी बरकरार है. इजरायल के हमलों ने इस पूरे विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और जटिल बना दिया है, और आगे इस क्षेत्र में हालात और गंभीर हो सकते हैं.