इजरायल के साथ बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की तैयारी शुरू कर दी है. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर हम उचित निर्णय लेंगे. सरकार को संसद के विधेयकों को लागू करना होता है, लेकिन ऐसा प्रस्ताव अभी तैयार किया जा रहा है और बाद के चरणों में हम संसद के साथ समन्वय करेंगे." यह बयान तब आया है, जब 13 जून को इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए. जवाब में, ईरान ने इजरायली सैन्य अड्डों पर पलटवार किया. दोनों देश पिछले चार दिनों से लगातार हमले कर रहे हैं.
एनपीटी क्या है?
ईरान पर एनपीटी उल्लंघन के आरोप
2018 में अमेरिका के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) से हटने के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ा. तब से ईरान पर एनपीटी और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के नियमों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं. इजरायल और अमेरिका का दावा है कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब है, हालांकि ईरान इन आरोपों को खारिज करता है. इजरायल के हमले भी इस दावे के बाद हुए कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर है. इस बीच, ईरान का कहना है कि इजरायल, जो एनपीटी का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, मध्य पूर्व में सामूहिक विनाश के हथियार रखने वाला एकमात्र देश है.