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'या तो इज्जत जाएगी या पार्टनर', अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर बोले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की

अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर यूक्रेन दुविधा में है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश को या तो अपनी इज्जत या एक अहम पार्टनर खोने का खतरा है. यूरोपीय नेताओं ने युद्ध के बीच यूक्रेन को निरंतर समर्थन का भरोसा दिया है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Zelensky & Trump India Daily
Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को अपने वीडियो संबोधन में कहा कि उनका देश इस समय अत्यंत कठिन दौर से गुजर रहा है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन पर एक ऐसा दबाव बढ़ रहा है, जिसमें उसे अपनी राष्ट्रीय गरिमा और एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोगी, दोनों में से किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

जेलेंस्की ने कहा कि यह हमारे इतिहास के सबसे कठिन पलों में से एक है. अभी यूक्रेन पर जो दबाव है, वह बेहद गहरा है. हमें शायद दो में से एक विकल्प चुनना पड़े, या तो अपनी इज्जत खोने का खतरा या फिर एक अहम पार्टनर को नाराज करने का रिस्क.

यूरोपीय नेताओं की यूक्रेन को आश्वस्त करने की कोशिश

शुक्रवार को जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के शीर्ष नेताओं ने जेलेंस्की से फोन पर बात की. तीनों देशों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने युद्ध की स्थिति में यूक्रेन को अपने निरंतर समर्थन का भरोसा दिलाया.

यूरोपीय अधिकारियों के अनुसार, जब वे अमेरिकी शांति प्रस्ताव के जवाब की तैयारी कर रहे थे, तब यह साफ हुआ कि उन्हें योजना के कुछ हिस्सों की पूरी जानकारी नहीं थी. इसके बावजूद, उन्होंने एकजुट होकर यूक्रेन के साथ खड़े रहने की बात दोहराई.

अमेरिकी शांति प्रस्ताव क्या कहता है?

अमेरिका के नए शांति प्रस्ताव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कई पुरानी मांगों को शामिल किया गया है. इनमें यूक्रेन के कुछ इलाकों पर रूस का दावा स्वीकार करने जैसे विवादित बिंदु भी शामिल हैं. प्रस्ताव में यूक्रेन को केवल सीमित सुरक्षा गारंटी देने की बात कही गई है, जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

यूरोप और यूक्रेन दोनों ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नाराज करने से बचना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया बेहद सतर्क शब्दों में दी है. उन्होंने अमेरिका के शांति प्रयासों की सराहना तो की, लेकिन अपने-अपने हितों को सुरक्षित रखने पर भी जोर दिया.

यूरोप का स्पष्ट संदेश- 'यूक्रेन की संप्रभुता सर्वोपरि'

जर्मनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि तीनों यूरोपीय देशों ने जेलेंस्की को भरोसा दिया है कि वे यूक्रेन में सही और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए उसके साथ पूर्ण सहयोग जारी रखेंगे. बयान में यह भी कहा गया कि यूक्रेन की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा हमारा प्राथमिक लक्ष्य है. लाइन ऑफ़ कॉन्टैक्ट (LoC) ही किसी समझौते का आधार होना चाहिए और यूक्रेनी सेना को देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता हमेशा बनी रहनी चाहिए.

यूक्रेन की चुनौती- संतुलन कैसे बनाएं?

यूक्रेन अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां उसे अमेरिकी प्रस्ताव की आलोचना करके एक मजबूत सहयोगी को खोने का जोखिम उठाना पड़ेगा, या फिर उसे स्वीकार कर अपनी सरजमीं और स्वाभिमान पर समझौता करना पड़ सकता है. जेलेंस्की ने अपने संबोधन में स्वीकार किया कि यह फैसला आसान नहीं होगा, लेकिन देश की गरिमा और सुरक्षा किसी भी कीमत पर सर्वोपरि है.