US Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक रहस्यमयी पोस्ट लिखकर भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर कम होती उम्मीदों का इजहार किया. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'ऐसा लगता है हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया, ईश्वर करे उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो.'
इस बीच विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की इस पोस्ट पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'फिलहाल मेरे पास इस पोस्ट टिप्पणी करने को कुछ भी नहीं है.'
#WATCH | Delhi: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "I have no comments to offer on this post at this time." https://t.co/D2KHifBrMs pic.twitter.com/lLrgCGmM7g
— ANI (@ANI) September 5, 2025Also Read
अपनी इस पोस्ट से पहले ट्रंप ने रूस से लगातार तेल खरीद पर भारत पर दूसरे और तीसरे चरण में टैरिफ लगाने के संकेत दिए थे.
US President Donald Trump writes on Truth Social, "Looks like we’ve lost India and Russia to deepest, darkest, China. May they have a long and prosperous future together!" pic.twitter.com/psIJcs8RhW
— ANI (@ANI) September 5, 2025
ट्रंप ने कहा था, 'इससे रूस को हजारों डॉलर का नुकसान हुआ और आप कहते हैं कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? फिर मैंने अभी तक चरण 2 और चरण 3 लागू नहीं किया है...दो सप्ताह पहले मैंने कहा था कि अगर भारत लगातार रूस से तेल खरीदता रहेगा तो वह बड़ी दिक्कत में फंसेगा और ऐसा इसलिए ही हो रहा है.
भारत ने दिया जीरो टैरिफ का ऑफर
इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने अमेरिका को जीरो टैरिफ का ऑफर दिया है. एक रेडियो कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा था, 'चीन हमें टैरिफ से मारता है, भारत और ब्राजील भी मारते हैं लेकिन मैंने टैरिफ को उनसे बेहतर समझा है. मेरी टैरिफ पर दुनिया के किसी भी इंसान से ज्यादा समझ है. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश है. टैरिफ नहीं लगता अगर हमारे ऊपर टैरिफ न होता, लेकिन उन्होंने हमें ये ऑफर कभी नहीं दिया. इसलिए आप पर भी टैरिफ लगेगा.'
भारत पर लगाया 50% टैरिफ
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, उनके इस फैसले का उनके ही देश में विरोध हो रहा है. एक निचली अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को अवैध करार दिया है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.