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India Daily

Israel-Iran Conflict: 'फोर्दो चला गया...,' अमेरिकी हमलों के बाद ट्रम्प ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़े झटके दिया संकेत

इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग में अमेरिका अब आधिकारिक रूप से ईरान की परमाणु योजनाओं को ध्वस्त करने के इजरायली प्रयासों में शामिल हो गया है, जो 13 जून से शुरू हुए थे.

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Edited By: Mayank Tiwari
Israel-Iran War
Courtesy: Social Media

ईरान-इजरायल संघर्ष में एक बड़े घटनाक्रम के तहत, अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर इजरायल के अभियान में प्रत्यक्ष भागीदारी शुरू कर दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार (22 जून) की रात को पुष्टि की कि अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज, और इस्फहान पर हमले किए. इस कार्रवाई ने मध्य पूर्व में तनाव को और गहरा कर दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट साझा कर हमलों की पुष्टि की. उन्होंने लिखा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज, और इस्फहान पर बहुत सफल हमला पूरा किया है. सभी विमान अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर हैं. प्राथमिक ठिकाने फोर्डो पर बमों का पूरा भार गिराया गया. सभी विमान सुरक्षित रूप से वापस लौट रहे हैं.”

ट्रम्प का बयान: “फोर्दो खत्म हो चुका है”

कुछ ही क्षणों बाद, ट्रम्प ने एक न्यूज और ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग पोर्टल की पोस्ट को रीशेयर किया, जिसमें लिखा था, “फोर्डो खत्म हो चुका है.” इजरायल ने 13 जून से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के प्रयास शुरू किए थे, यह दावा करते हुए कि ईरान हथियार बनाने के करीब था.

अमेरिका की रणनीति और बी-2 बॉम्बर्स का उपयोग

ट्रम्प ने बताया कि इस ऑपरेशन में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का उपयोग किया गया, हालांकि उन्होंने इस्तेमाल किए गए हथियारों का विवरण नहीं दिया. व्हाइट हाउस और पेंटागन ने अभी तक अतिरिक्त जानकारी साझा नहीं की है. यह हमला अमेरिका के लिए जोखिम भरा कदम है, खासकर तब जब ईरान ने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी हस्तक्षेप की स्थिति में वह जवाबी कार्रवाई करेगा.

ईरान की चेतावनी: “क्षति अपूरणीय होगी”

बुधवार को, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामेनेई ने अमेरिका को चेताया कि इस्लामिक गणराज्य पर कोई भी हमला “अपूरणीय क्षति” का कारण बनेगा. वहीं, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने कहा, “अमेरिकी हस्तक्षेप क्षेत्र में सर्वआउट युद्ध की रेसिपी होगा.”

ट्रम्प का रुख: जमीनी सैनिक नहीं भेजेंगे

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रम्प ने कहा कि उनका ईरान में जमीनी सैनिक भेजने का कोई इरादा नहीं है. इससे पहले, उन्होंने संकेत दिया था कि वह दो सप्ताह के भीतर अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन तेजी से बदलती स्थिति ने इस समयसीमा को अप्रासंगिक बना दिया. ट्रम्प आज रात 10 बजे EDT पर अमेरिकी जनता को ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बारे में संबोधित करेंगे.