'इंडिया इज़ द बिग बॉय, नॉट अ स्कूल चाइल्ड' ट्रंप के टैरिफ लगाने पर अमेरिकी जर्नलिस्ट की दो टूक

अमेरिकी पत्रकार रिक सांचेज़ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए रूस तेल व्यापार से जुड़े सेकेंडरी टैरिफ को 'अनुचित, अपमानजनक और अज्ञानपूर्ण' करार दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत को 'स्कूल के बच्चे' की तरह ट्रीट कर रहा है, जबकि भारत एक वैश्विक शक्ति है और अपने फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम है.

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Kuldeep Sharma

अमेरिका का वरिष्ठ पत्रकार और एंकर रिक सांचेज़ ने ट्रंप प्रशासन पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भारत पर अमेरिकी दबाव न सिर्फ असंगत है, बल्कि यह दिखाता है कि अमेरिका भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक अहमियत को समझने में नाकाम है.

सांचेज़ का कहना है कि भारत का रूस से तेल लेना उसका संप्रभु अधिकार है और अमेरिका को इसे 'नसीहत' देने का हक नहीं है.

भारत को बताया 'बिग बॉय'

रिक सांचेज़ ने एक इंटरव्यू में कहा 'इंडिया इज़ द बिग बॉय, नॉट अ स्कूल चाइल्ड.' उन्होंने साफ कहा कि जब भारत ने अपने तेल आपूर्तिकर्ता चुनने में स्वतंत्रता दिखाई तो यह एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी पल था. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका का नजरिया भारत को नीचा दिखाने वाला है, जबकि भारत एक समृद्ध इतिहास और संसाधनों वाला राष्ट्र है.

'ट्रंप की नीति व्यक्तिगत गुस्से का नतीजा'

सांचेज़ के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप अक्सर फैसले व्यक्तिगत शिकायतों और गैर-वैज्ञानिक सोच के आधार पर लेते हैं. एक जेफरीज रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ ट्रंप की उस नाराज़गी का परिणाम थे, जिसमें वह भारत-पाकिस्तान मसले से खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीति में स्थिरता और निरंतरता की कमी है.

चीन और यूरोप पर चुप्पी और भारत को निशाना 

सांचेज़ ने ट्रंप की डबल स्टैंडर्ड नीति की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत को तो रूस से तेल लेने पर निशाना बनाया गया, लेकिन चीन और यूरोप पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि वे भी रूस के बड़े खरीदार हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका जानता है कि चीन के खिलाफ कठोर कदम उठाना उसके लिए आसान नहीं है, इसलिए भारत पर दबाव डालना उन्हें आसान विकल्प लगता है.

'मोदी की जंग' वाला बयान हास्यास्पद

जब सांचेज़ से पूछा गया कि ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को 'मोदी की जंग' क्यों कहा तो उन्होंने इसे हंसी में उड़ाते हुए कहा कि 'यह बयान पूरी तरह हास्यास्पद है.' उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व को Global South की सोच, भारत-रूस-चीन के रिश्तों और भू-राजनीतिक जटिलताओं की बिल्कुल समझ नहीं है. इसी अज्ञानता के कारण ऐसे गैर-तर्कसंगत बयान दिए जाते हैं.