Ukraine Use Dragon Drones: सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो में यूक्रेन के ड्रोन को दुश्मन के ठिकानों पर पिघले हुए थर्माइट से हमला करते हुए दिखाया गया है, जो 2,000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर जलता है और स्टील को पिघलाने में भी सक्षम है.
रूसी मिलिट्री न्यूज आउटलेट 'ऑपरेशन जेड' ने एक क्लिप के साथ पोस्ट किया, जिसमें एक डिवाइस को पेड़ों के बीच से जलते हुए थर्मामाइट को गिराते हुए दिखाया गया है. कहा गया कि फ्लेमेथ्रोवर ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेनी सैनिकों की ओर से किया जाना शुरू हो गया है.
यूक्रेनी न्यूज साइट डिफेंस एक्सप्रेस ने बताया कि आग बरसाने वाले ड्रोन का फुटेज यूक्रेन के ज़ापोरीज्जिया के दक्षिणी क्षेत्र में प्रादेशिक रक्षा बलों की 108वीं सेपरेट ब्रिगेड से प्राप्त हुई थी. आग उगलने वाले ड्रोन का यूज रूसी सैनिकों को खदेड़ने के लिए किया जा रहा था.
The Ukrainian military began using the Dragon drone, which burns the area underneath with thermite 🥰🥰🥰 Thermite is a mixture of burning granules of iron oxide and aluminum. About 500 grams of thermite mixture can be placed under a standard FPV drone. The chemical reaction is… pic.twitter.com/3XIzc3LLHN
— Anastasia (@Nastushichek) September 5, 2024
थर्माइट को एल्युमिनियम पाउडर के साथ आयरन ऑक्साइड को मिलाकर बनाया जाता है, जो स्टील को भी पिघलाने में सक्षम होता है. जरा सोचिए, अगर कोई इंसान इसके चपेट में आ जाए, तो उसका क्या होगा?
हाल ही में हार्वर्ड लॉ स्कूल की एक रिपोर्ट में आग उगलवे वाले हथियारों पर सख्त नियंत्रण की मांग की गई थी, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि वे भयानक तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं. अगर कोई इंसान इसके चपेट में मामूली रूप से आ भी जाते हैं, तो फिर उन्हें जीवनभर इसके दर्द को झेलना पड़ सकता है.
सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी थिंक टैंक के ड्रोन रिसर्चर सैमुअल बेंडेट के अनुसार, यूक्रेन की सेना की ओर से पोस्ट किए गए कुछ वीडियोज के जरिए जानकारी सामने आई है कि यूक्रेनी सेना ड्रोन के जरिए थर्माइट का यूज कर रूसी सेना को निशाना बना रही है, जो एक तरह का नया हथियार है.
बेंडेट के मुताबिक, मैंने पहले कभी ड्रोन का ऐसा स्पेशल यूज नहीं देखा है, लेकिन मुझे इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि यूक्रेन एक बार फिर इस मामले में बड़ी भूमिका निभा रहा है, क्योंकि रूस के खिलाफ जारी जंग में यूक्रेनी सेना ने अब तक कई ड्रोनों का अलग-अलग तरीके से यूज किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन की योजना इस आग उगलने वाले ड्रोन का यूज रूसी सैनिकों के खिलाफ तो करना ही है, साथ ही यूक्रेनी सेना का टारगेट जंगल वाले इलाकों को जलाना भी है, जहां रूसी सैनिक छिपकर रहते हैं. जंगल वाले इलाकों में रूसी सैनिक खुद तो रहते हैं. साथ ही हथियार भी छिपाकर रखते हैं. यूक्रेन का मानना है कि जंगल क्षेत्र ऐसे स्थान हैं जहां सैनिक फिर से संगठित हो सकते हैं, किलेबंदी कर सकते हैं और युद्ध जारी रखने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं, इसलिए ऐसे क्षेत्रों को खत्म करना जरूरी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'फ्लेमेथ्रोवर ड्रोन' के निचले हिस्से में एक या फिर इससे ज्यादा थर्माइट कंटेनर लगाए जाते हैं, जिसका वजन करीब 2 किलोग्राम से थोड़ा ज्यादा होता है. ये मात्र 22 सेकेंड तक जलता है और इसी कम समय में किसी भी धातु के हथियार को राख में बदलने की क्षमता रखता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेनी सेना थर्माइट ड्रोन के अलावा थर्माइट ग्रैनेड का भी यूज कर रही है.
अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान टोक्यो में और वियतनाम वॉर में भी ग्रेनेड में थर्माइट का यूज दुश्मनों के खिलाफ किया था. अमेरिकी सेना के पाइन ब्लफ ने 1960 से 2014 तक इस हथियारों का प्रोडक्शन किया था. बीच में इसे बंद करने के बाद एक बार फिर से 2023 में इसका प्रोडक्शन शुरू कर दिया गया है.