Israel Hamas War: भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने रविवार को भारत से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे मौजूदा संकट में मध्यस्थता करने की अपील की. राजदूत ने भारत से युद्ध विराम की सुविधा प्रदान करने, एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का समर्थन करने की भी अपील की.
अल हैजा ने कहा कि हम हमेशा भारत जैसे मित्र की तलाश में रहते हैं जो मध्यस्थ की भूमिका निभा सके. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है. इसलिए हम उनसे ये भूमिका निभाने का आह्वान कर रहे हैं, खासकर यदि वे (भारत) दोनों (देशों) के मित्र हैं, ताकि युद्ध विराम हो सके, एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान किया जा सके, फिलिस्तीन राज्य की स्वतंत्रता और 1967 की भूमि की ओर अग्रसर हुआ जा सके, जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम हो.
इजराइल और हमास जंग के शुरू होने के बाद से भारत सरकार ने शांति के पक्ष में अपने निरंतर रुख को दोहराया है. उधर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ उत्तरी इटली के सेर्नोबिया शहर में बैठक की. इस बातचीत के बाद मेलोनी कहा कि भारत और चीन रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझा सकता है .इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी मौजूदा संकट को समाप्त करने में भारत के प्रयासों पर जोर दिया था.
उधर, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा में मानवीय संकट विनाशकारी से भी अधिक है. अगस्त में 1 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनियों को भोजन राशन नहीं मिला और प्रतिदिन पका हुआ भोजन पाने वाले लोगों में 35% की कमी आई है. शुक्रवार की सुबह, दक्षिणी गाजा पट्टी में स्वास्थ्य कर्मियों ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण के लिए बच्चों को पोलियो के खिलाफ़ टीका लगाना फिर से शुरू किया.
जंग की शुरुआत तब हुई, जब हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसके बाद अब तक करीब 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर नागरिक थे. जवाब में, गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़राइल के अभियान ने 40,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान ले ली है, जो अपने हताहतों की संख्या में नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता है.