Trump-Putin Phone Call: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से फ़ोन पर बात की. उन्होंने यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के बाद व्यापार पर बात की. यह दोनों नेताओं के बीच दो महीने बाद हुई पहली संवाद थी, और इसे यूक्रेन युद्ध के समापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
ट्रम्प ने कहा कि पुतिन ने उन्हें इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौते पर बधाई दी, जिसके बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता है कि इससे यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने में मदद मिलेगी. ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा कि मैंने अभी-अभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी टेलीफ़ोन पर बातचीत पूरी की है, और यह बेहद सफल रही. राष्ट्रपति पुतिन ने मध्य पूर्व में शांति की महान उपलब्धि पर मुझे और अमेरिका को बधाई दी, जैसा कि उन्होंने कहा, सदियों से इसका सपना देखा गया है. मेरा वास्तव में मानना है कि मध्य पूर्व में मिली सफलता रूस/यूक्रेन के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए हमारी बातचीत में मददगार साबित होगी.
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त होने के बाद रूस और अमेरिका के बीच व्यापार के बारे में बातचीत करने में काफी समय बिताया. उन्होंने कहा कि इस बातचीत के समापन पर, हम इस बात पर सहमत हुए कि अगले हफ़्ते हमारे उच्च-स्तरीय सलाहकारों की एक बैठक होगी. अमेरिका की शुरुआती बैठकों का नेतृत्व विदेश मंत्री मार्को रुबियो करेंगे, साथ ही कई अन्य नियुक्त व्यक्ति भी होंगे. बैठक का स्थान तय किया जाना है.
उन्होंने कहा कि इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं एक तय स्थान, बुडापेस्ट, हंगरी में मिलेंगे, ताकि यह देखा जा सके कि क्या हम रूस और यूक्रेन के बीच इस अपमानजनक युद्ध को समाप्त कर सकते हैं. राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और मैं कल ओवल ऑफिस में मिलेंगे, जहां हम राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी बातचीत और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. मेरा मानना है कि आज की टेलीफोन बातचीत से काफ़ी प्रगति हुई है.
व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति की ट्रंप के साथ बातचीत सकारात्मक रही और उन्होंने बातचीत के अगले कदमों की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की. ट्रंप ने हाल के हफ्तों में संकेत दिया है कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए पुतिन पर दबाव बढ़ाने के इच्छुक हैं. उन्होंने अमेरिकी आर्थिक साझेदारों पर रूसी ऊर्जा की खरीद बंद करने का दबाव बनाया है और यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलों तक पहुंच देने की संभावना पर भी ज़ोर दिया है.