Trump Peace Plan: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपने वादे को पूरा करने में जुट गए हैं. उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो वो रूस-यूक्रेन की जंग रुकवा सकते हैं. उन्होंने पद संभालते ही अपने किए वादे पर अमल भी करना शुरू कर दिया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस क्रम में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर भी बात की है.
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नई शांती योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं. उनकी इस योजना में संघर्ष को समाप्त करने और रूस के आक्रमण को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति शामिल है. अमेरिका के शांती योजना में यूक्रेन की नाटो सदस्यता को 20 साल के लिए रोकने की बात कही गई है. लेकिन यह योजना कितना सही है इस बात को लेकर विवाद शुरु हो गए हैं.
क्या है ट्रम्प की शांति योजना
टेलीग्राफ़ की रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प का प्रस्तावित शांति योजना 800 मील के बफर ज़ोन की बात करता है, जिसमें वर्तमान युद्ध रेखाओं को अस्थायी रूप से स्वीकार करने की शर्त रखी गई है. इसके अलावा, अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस के खिलाफ हथियार भेजे जाएंगे लेकिन अमेरिकी सेना को शांति मिशन में शामिल नहीं किया जाएगा. ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि यूरोपीय देशों को ही शांति प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभानी होगी और अमेरिका केवल प्रशिक्षण और अन्य सहायता प्रदान करेगा. उनका कहना था कि हम यूक्रेन में शांति बनाए रखने के लिए अमेरिकी पुरुषों और महिलाओं को नहीं भेज रहे हैं.
24 घंटे में युद्ध समाप्त करने का दावा
ट्रम्प ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि वे अपने पदभार ग्रहण करने के 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त कर सकते हैं. हालांकि इस दावे पर कई लोगों ने संदेह व्यक्त किया है लेकिन ट्रम्प के समर्थकों का मानना है कि उनकी त्वरित वार्ता की क्षमता युद्ध का समाधान निकाल सकती है. लेकिन यूक्रेन संघर्ष की जटिलता और इसके भू-राजनीतिक तनाव इसे चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का रुख
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रम्प के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है. यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि शांति केवल मजबूत लोगों के लिए एक पुरस्कार है. ज़ेलेंस्की ने नाटो सदस्यता और यूक्रेन की संप्रभुता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, किसी भी शांति योजना को खारिज कर दिया जो रूस को जीतने की अनुमति देती हो. उनका यह भी कहना था कि नाटो ही रूस के आक्रमण को रोकने की एकमात्र गारंटी है.
यूरोपीय नेताओं की चिंता
यूरोप में ट्रम्प की योजना को लेकर चिंता बढ़ रही है. ब्रिटेन के पूर्व चांसलर जॉर्ज ओसबोर्न ने यह सवाल उठाया कि क्या यूरोपीय देश अमेरिका की भागीदारी के बिना यूक्रेन का समर्थन कर सकते हैं. यूरोपीय नेताओं ने नाटो के सामूहिक रक्षा सिद्धांतों के कमजोर होने और इसके दूरगामी प्रभावों पर चिंता व्यक्त की है.
रूसी रुख और पुतिन की प्रतिक्रिया
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रम्प की शांति योजना को लेकर सतर्क आशावाद दिखाया है. उन्होंने ट्रम्प के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका-रूस संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए शांति वार्ता की संभावना मौजूद है. हालांकि, पुतिन की रणनीति शीत युद्ध के बाद के वैश्विक माहौल को फिर से आकार देने की है. उन्होंने कहा है कि पश्चिमी देशों का रूस को रणनीतिक रूप से परास्त करने का प्रयास अत्यधिक दुस्साहसिक है.