ली-मेंग यान, चीनी वायरोलॉजिस्ट, जिन्होंने कोविड-19 के वुहान लैब में विकसित होने का दावा किया, अमेरिका में सुरक्षा के लिए छिपी हैं. उनका कहना है कि चीनी सरकार उनके परिवार का इस्तेमाल उन्हें चीन वापस लाने और 'परफेक्ट क्राइम' अंजाम देने के लिए कर रही है.
उनके पति, डॉ. रानावाका पेरेरा, जिन्हें यान से बात करने का मौका नहीं मिला, केवल यह जानना चाहते हैं कि वह सुरक्षित हैं. यह मामला चीन और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
ली-मेंग यान ने 2020 में चीन छोड़कर अमेरिका में शरण ली. उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 वुहान लैब में विकसित हुआ और चीन सरकार ने इसकी सच्चाई छुपाई. उनका यह कदम वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया. अमेरिका में पहुंचने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपनी कहानी साझा की.
यान का कहना है कि पिछले पांच वर्षों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) उनके माता-पिता और पति को इस्तेमाल कर रही है. उनका उद्देश्य यान को वापस चीन लाकर वायरस के बारे में सच्चाई को मिटाना और जिम्मेदारी से बचना है. यान ने बताया कि यह उनकी जिंदगी में सबसे खतरनाक और लगातार डर का कारण बना हुआ है.
यान के पति, डॉ. रानावाका पेरेरा, जो 2021 से यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया में काम कर रहे हैं, केवल एक बातचीत करना चाहते हैं ताकि वह सुनिश्चित कर सकें कि यान सुरक्षित हैं. पेरेरा का कहना है कि वह अपनी पत्नी को वापस लाने का दबाव नहीं डालना चाहते, बस उसकी सुरक्षा जानना चाहते हैं. उनके परिवार में यान के फैसले से गहरी दरार भी आई है.
यान ने कहा कि कुछ ऑनलाइन प्रभावित व्यक्तियों ने उनके दावे को बढ़ावा दिया और उन्हें वैश्विक मंच पर प्रसिद्ध कर दिया. इस दौरान, उनके खिलाफ चीन की ओर से कई साइबर और राजनीतिक दबाव के प्रयास हुए. 2023 में उन्हें अमेरिका में चीन के ट्रांसनेशनल दमन अभियान का भी शिकार बताया गया.
यान ने यह तय किया है कि वह अपने परिवार से संपर्क नहीं करेंगी और पूरी तरह से सुरक्षा के लिए छिपी रहेंगी. उनके मामले ने चीन और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, राजनीतिक दबाव, और साइबर खतरे जैसे मुद्दों को उजागर किया है. यह मामला दुनिया के लिए गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.