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ट्रंप की AI पॉलिसी: सुपर कंप्यूटर का निर्माण और नियमों में कटौती, जानें सबकुछ

Trump AI Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ग्लोबली सबसे आगे रखने की योजना बनाई है. इसे एआई एक्शन प्लान कहा गया है.

Shilpa Shrivastava
Edited By: Shilpa Srivastava
Trump AI Policy

Trump AI Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ग्लोबली सबसे आगे रखने की योजना बनाई है. इसे एआई एक्शन प्लान कहा गया है. यह सरकारी नियमों, खासकर एनवायरोमेंटल नियमों को कम करके और दुनिया भर में अमेरिकी एआई तकनीक की बिक्री को बढ़ावा देकर एआई विकास को गति देने पर फोकस करेगा. 

ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को एआई के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए और किसी भी तरह के नियमों से इनोवेशन में बाधा नहीं आनी चाहिए. उनका मानना है कि बड़ी तकनीकी कंपनियों को डाटा सेंटर और पावर प्लांट बनाने की अनुमति आसानी से मिलनी चाहिए. फिर भले ही इसके लिए साफ हवा और वॉटर लॉ जैसे कुछ पर्यावरणीय नियमों को अनदेखा ही क्यों न करना पड़े. 

इस प्लान का सपोर्ट करने के लिए, ट्रंप ने तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए. ये आदेश एआई सुविधाओं के निर्माण में तेजी लाने, अमेरिकी तकनीकी निर्यात को बढ़ावा देने और चैटबॉट जैसे एआई टूल्स को जागरूक करने में मदद करेंगे. साथ ही राजनीतिक रूप से ऐसे कंटेंट को हटाने में भी मदद करेंगे जो किसी के पक्ष में हों. 

इस योजना का एक बड़ा हिस्सा कंपनियों के लिए डाटा सेंटर बनाना आसान बनाना है, जिन्हें बहुत अधिक बिजली की जरूरत होती है. ट्रंप चाहते हैं कि कंपनियां बढ़ती बिजली की मांगों को पूरा करने के लिए कोयला और परमाणु संयंत्रों समेत अपने खुद के एनर्जी सोर्स को इंस्टॉल कर सकें. 

ओपनएआई, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कई बड़ी तकनीकी कंपनियां पहले से ही एक बड़े एआई केंद्रों पर काम कर रही हैं. लेकिन एआई में इस वृद्धि का अर्थ फॉसिल फ्यूल्स का ज्यादा इस्तेमाल भी है जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देता है. संयुक्त राष्ट्र ने तकनीकी कंपनियों से 2030 तक केवल नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने का आग्रह किया है. ट्रंप एआई के लिए एक राष्ट्रीय नियम भी चाहते हैं, न कि हर राज्य में अलग-अलग नियम.