Trump Tariffs Raw: अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में हाल के दिनों में खटास बढ़ी है. वजह है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ, जो रूस से तेल खरीदने के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में सामने आया. ट्रंप ने इस कदम को 'कठिन लेकिन जरूरी फैसला' बताया है. हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी गहरी दोस्ती है और दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापार समझौता संभव है.
फॉक्स एंड फ्रेंड्स से बातचीत में ट्रंप ने कहा, 'भारत रूस का सबसे बड़ा ग्राहक था. मैंने उन पर 50% टैरिफ लगाया. यह आसान नहीं था, यह बड़ा फैसला था और इससे भारत के साथ दरार पैदा हुई.' ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह कदम केवल रूस को कड़ा संदेश देने के लिए उठाया गया. उन्होंने कहा, 'यह यूरोप की समस्या ज्यादा है, लेकिन मैंने पहले ही बहुत कुछ किया है.'
ट्रंप ने अपनी विदेश नीति का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने रूस की ऊर्जा व्यापारिक गतिविधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी नीतियों ने रूस की आय पर गहरा असर डाला है. साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यूरोप को स्पष्ट कर दिया है कि रूस पर निर्भरता खत्म करनी होगी.
"Putting a 50% tariff on India was not easy. It has caused a rift with India," says Donald Trump on Fox news pic.twitter.com/x1CVojm7ME
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 12, 2025
इसी इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में दुनिया के कई युद्ध खत्म हुए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'मैंने सात युद्ध सुलझाए, जिनमें पाकिस्तान और भारत भी शामिल थे. कुछ संघर्ष तो इतने पुराने थे कि असंभव माने जाते थे, जैसे कांगो और रवांडा का 31 साल पुराना संघर्ष, जिसमें लाखों लोग मारे गए.' ट्रंप ने कहा कि उनके कार्यकाल को दुनिया में स्थिरता लाने वाला माना जाना चाहिए.
भारत पर लगे टैरिफ के बावजूद ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के रिश्ते मज़बूत बने हुए हैं. अमेरिकी राजदूत-नामित सर्जियो गोर ने कहा कि भारत की संरक्षणवादी नीतियां चुनौतियां जरूर पेश करती हैं, लेकिन साझेदारी की गहराई पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि मोदी और ट्रंप के बीच 'अविश्वसनीय' दोस्ती है और दोनों देश जल्द ही व्यापार समझौते की दिशा में अंतिम बातचीत कर सकते हैं.