India US Trade War: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारत की राजनीतिक गलियों में हलचल मच गई है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे बेहद गंभीर मसला बताते हुए कहा है कि यह कदम भारत-अमेरिका के व्यापार संबंधों को तबाह कर सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक थरूर ने कहा कि यह हमारे लिए एक गंभीर मुद्दा है 25%, और रूस से तेल व गैस खरीदने पर अतिरिक्त दंड भी जोड़ा जा सकता है, जिससे कुल शुल्क 35-45% तक पहुंच सकता है. यहां तक कि 100% पेनल्टी की भी बात हो रही है, जिससे हमारा अमेरिका के साथ व्यापार पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन को भारत की जरूरतों को भी ध्यान में रखना चाहिए. अगर अमेरिका की मांगें अव्यावहारिक हैं तो हमारे वार्ताकारों को उसका विरोध करने का पूरा अधिकार है. हमारे उत्पादों पर टैरिफ औसतन 17% हैं जो कोई असाधारण दर नहीं है. अमेरिकी सामान भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक्स पर लिखा कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ और रूसी तेल खरीदने पर दंड लगाना WTO के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है. यह भारत-अमेरिका व्यापार पर बड़ा झटका है. ‘दोस्ती’ कूटनीति और कठिन वार्ता का विकल्प नहीं हो सकती.
उधर, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर भारत पर शुल्क लगाने का ऐलान किया. उन्होंने लिखा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन उनके टैरिफ विश्व में सबसे अधिक हैं. उन्होंने हमेशा अपना सैन्य सामान रूस से खरीदा है और रूस से ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं. इसलिए भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ और अतिरिक्त दंड लगाया जाएगा.
भारत सरकार ने ट्रंप के बयान को "नोट" करते हुए कहा है कि वह इसके निहितार्थों का अध्ययन कर रही है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। हम इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह मसला न केवल भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि वैश्विक व्यापार और कूटनीति में भी बड़ा मोड़ ला सकता है.